पंचायतों को धनराशि का डिजिटल स्थानान्तरण होने से कार्यों में तेजी व पारदर्शिता आएंगी: त्रिवेंद्र सिंह रावत, मुख्यमंत्री ने पंचायतों को प्रदान की 62.21 करोड़ की धनराशि

देहरादून । मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में पंचायतों को राज्य वित्त आयोग के अन्तर्गत प्राप्त धनराशि को डिजिटल माध्यम से प्रदेश के 7791 ग्राम पंचायतों, 95 क्षेत्र पंचायतों एवं 13 जिला पंचायतों को एक साथ कुल 62.21 करोड़ की धनराशि हस्तान्तरित की। हस्तानान्तरित की गई धनराशि में ग्राम पंचायतों हेतु रू0 19.30 करोड़, क्षेत्र पंचायतों हेतु रू0 14.48 करोड़, जिला पंचायतों हेतु रू0 28.43 करोड़ की धनराशि शामिल है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पंचायतों को धनराशि का डिजिटल स्थानान्तरण होने से कार्यों में तेजी व पारदर्शिता आयेगी। इससे सरकारी सिस्टम के प्रति लोगों का विश्वास भी बढ़ेगा। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इण्डिया प्रोग्राम को साकार करते हुए पंचायतीराज विभाग द्वारा त्रिस्तरीय पंचायतों को केन्द्रीय वित्त/राज्य वित्त से प्राप्त सभी अनुदान पी.एफ.एम.एस के माध्यम से एक साथ डिजिटल हस्तान्तरित किये जा रहे है, तथा त्रिस्तरीय पंचायतों द्वारा प्राप्त अनुदानों तथा स्वयं के आय स्रोत आदि से प्राप्त सभी धनराशियों से कराये जा रहे विकास कार्यो एवं अन्य गतिविधियों के सापेक्ष सभी भुगतान शत् प्रतिशत पी.एफ.एम.एस के माध्यम से डिजिटल रूप में किये जा रहे है। इस व्यवस्था के लागू होने से सभी पंचायतों को केन्द्र एवं राज्य सरकार से प्राप्त होने वाली धनराशि तत्काल पंचायतों के खाते में पहुंच रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल इण्डिया प्रोग्राम का उद्देश्य सरकारी सेवाओं की जानकारी ऑनलाईन माध्यम से जन सामान्य को पहुंचाने हेतु ग्राम पंचायत स्तर पर ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देते हुए समस्त ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबेण्ड इंटरनेट से जोडना है, इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु उत्तराखण्ड में पंचायतीराज विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा समस्त ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों एवं जिला पंचायतों के बैंक खातों को पंचायतीराज, भारत सरकार द्वारा लागू ई-ग्राम स्वराज पोर्टल के माध्यम से पी0एफ0एम0एस0-प्रिआ सॉफ्ट इंटरफेस के साथ जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि इससे जहॉ एक ओर राजकीय कार्यों में पारदर्शिता बढ़ेगी वहीं पंचायत के निवासी, जो पंचायत से बाहर अन्यत्र रहते हों, अपने मोबाईल अथवा किसी भी अन्य डिवाइस पर इस पोर्टल के माध्यम से पंचायत को केन्द्रीय वित्त एवं राज्य वित्त तथा अन्य स्रोतों से प्राप्त धनराशि तथा पंचायत में कराये जा रहे विकास कार्यों की प्रगति के साथ-साथ अन्य जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि सभी पंचायतों को एक साथ डिजिटल माध्यम से अनुदान की राशि हस्तान्तरित किये जाने के बाद पंचायतों को विकासपरक परियोजनाओं के साथ-साथ कोरोना वायरस महामारी से ग्रामवासियों के बचाव हेतु आवश्यक उपायों और बाहर से आये नागरिकों के संस्थागत कोरंनटाइन सम्बन्धी व्यवस्था हेतु सामुदायिक भवनों (पंचायत भवन, आंगनबाड़ी केन्द्र, विद्यालय या अन्य राजकीय भवन आदि) की साफ-सफाई, विद्युत व्यवस्था, पेयजल व्यवस्था, शौचालय व्यवस्था, मरम्मत, सैनिटाईजेशन, प्रचार-प्रसार आदि कार्यो को पूर्ण करने में सहायता मिलेगी। इस धनराशि से पंचायतों के अन्तर्गत जलापूर्ति की व्यवस्था, सीवरेज ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, सैप्टेज प्रबंधन सहित जल निकासी एवं स्वच्छता, सामुदायिक परिसम्पत्तियों का रख-रखाव, स्ट्रीट लाईट तथा आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण/अतिरिक्त कक्षा-कक्ष आदि का निर्माण एवं सामुदायिक भवन निर्माण आदि विकास कार्य किये जाने में सुविधा होगी। मुख्यमंत्री ने कोरोना महामारी से निपटने हेतु पंचायतों द्वारा किये गये प्रयासों के लिये पंचायत प्रतिनिधियों के साथ-साथ सभी ग्राम वासियों द्वारा निभायी जा रही भूमिका की भी सराहना की। मुख्यमंत्री ने सभी त्रिस्तरीय पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ-साथ सभी ग्राम वासियों से यह अपील की गयी कि वर्तमान कोविड-19 परिस्थितियों से बचाव हेतु भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का अनुपालन करते हुए ‘‘2 गज सामाजिक दूरी और मास्क जरूरी‘‘ नियम का अनुपालन आवश्यक रूप से किया जाय। इस अवसर पर सचिव मुख्यमंत्री राधिका झा एवं निदेशक पंचायती हरिचन्द्र सेमवाल आदि उपस्थित थे।

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