667 साल बाद अहोई अष्टमी पर बन रहा है दुर्लभ संयोग, पूजा का शुभ मुहूर्त- 05:39 PM से 06:56 PM तक, राहुकाल के समय कोई भी शुभ और नया कार्य करने से बचना चाहिए
रुड़की । हिंदू धर्म में पंचांग का विशेष महत्व है। पंचांग अनुसार मुहूर्त आदि देखकर कोई भी कार्य करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं अपनी संतान की लंबी आयु और उसकी रक्षा के लिए पूरे दिन निर्जला उपवास करती हैं। अहोई अष्टमी के दिन माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। ऐसे में पंचांग अनुसार जानिये अहोई अष्टमी की पूजा का शुभ मुहूर्त, राहु काल और तारे निकलने का समय-अहोई अष्टमी का व्रत 28 अक्टूबर 2021 को बृहस्पतिवार के दिन रखा जाएगा।
पूजा का शुभ मुहूर्त- 05:39 PM से 06:56 PM
अवधि- 01 घण्टा 17 मिनट
नक्षत्र- पुनर्वसु
गोवर्धन राधा कुण्ड स्नान गुरुवार, अक्टूबर 28, 2021 को
तारों को देखने के लिए सांझ का समय- 06:03 PM
अहोई अष्टमी के दिन चन्द्रोदय समय-11:29 PM
कब रहेगा राहु काल: राहुकाल के समय कोई भी शुभ और नया कार्य करने से बचना चाहिए। अहोई अष्टमी के दिन दोपहर 01:30 बजे से 03 बजे तक राहुकाल रहेगा। वहीं अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 45 मिनट पर शुरू होगा, जो 12 बजकर 29 मिनट पर खत्म होगा। विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 43 मिनट पर शुरू होगा और 3 बजकर 39 मिनट पर समाप्त होगा। गोधुली मुहूर्त 7 बजकर 04 मिनट से 7 बजकर 29 मिनट तक रहेगा।