किसान विरोधी हैं कृषि कानून बिल: हरीश रावत, कृषि कानूनों के विरोध में पूर्व मुख्यमंत्री ने निकाली पदयात्रा

भगवानपुर। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों के जरिए किसानों का अस्तित्व मिटाने की कोशिश कर रही है। तीनों कृषि कानून किसान विरोधी हैं। किसानों की बात सुनने को सरकार तैयारी नहीं है। किसानों के समर्थन में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कुंजा बहादरपुर से होकर इकबालपुर होते हुए फतवा तक पद यात्रा निकाली। पद यात्रा के समापन पर हुई सभा में पूर्व सीएम रावत ने कहा कि तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने चाहिए। दिल्ली बॉर्डर पर किसान लंबे समय से धरना दे रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी बात नहीं सुन रही है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में जिस तरह का रवैया सरकार का है वह ठीक नहीं है। किसान सोच समझकर ही कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहा है। लेकिन सरकार उनकी मांग अनसुनी कर रही है। प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पेराई सत्र शुरू होने के इतने लंबे समय बाद भी सरकार ने गन्ना मूल्य घोषित नहीं किया है। कहा कि हर वर्ग की स्थिति खराब है।पेट्रोल-डीजल, खाद्य पदार्थ, रसोई गैस सिलेंडर सब महंगा हुआ है। सरकार को आम लोगों की चिंता नहीं है। भगवानपुर विधायक ममता राकेश, कलियर विधायक फुरकान अहमद, कांग्रेस किसान जिलाध्यक्ष सेठपाल परमार ने कहा कि किसानों को लेकर सरकार का रवैया संवेदनशील नहीं है। सरकार को किसानों की बात सुननी चाहिए। लेकिन सरकार अड़ी हुई है। वह लोकतंत्र के बुनियादी सिद्धांतों को भी नहीं मान रही। इस दौरान राजपाल सिंह, अभिषेक राकेश, अयाद अहमद, सुशील राठी, पहल सिंह सैनी,रश्मि चौधरी, अरविंद प्रधान, उदय, विजयपाल, सुशील कुमार, श्रीगोपाल नारसन आदि मौजूद रहे।

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