देहरादून में झंडा मेले में आरोहण के दौरान टूटा ध्वज दंड, मची अफरा-तफरी, सात लोग घायल, शनिवार सुबह झंडेजी का दोबारा से कराया जाएगा आरोहण

देहरादून । दून के 344 साल पुराने एतिहासिक झंडा मेला में झंडारोहण के दौरान झंडा साहिब के ध्वज दंड का आधा हिस्सा टूटकर श्रद्धालुओं पर आ गिरा। इससे मची अफरा-तफरी में सात लोग जख्मी हो गए। हालांकि, वहां मौजूद तकरीबन एक लाख श्रद्धालुओं की भीड़ ने संयम का परिचय देकर खुद दरबार साहिब, पुलिस-प्रशासन व संगतों का सहयोग कर कुछ ही देर में स्थिति नियंत्रित कर ली और घायलों को अस्पताल पहुंचाया। बताया जा रहा है कि झंडा मेला के इतिहास में पहली दफा ऐसी घटना हुई है। प्रेम, सद्भावना समेत आस्था का प्रतीक एतिहासिक झंडा मेले को लेकर श्री दरबार साहिब में पिछले एक पखवाड़े से तैयारियां चरम पर थीं। देश-दुनिया से चार दिन पूर्व संगतों के पहुंचने का सिलसिला भी आरंभ हो गया था। तय कार्यक्रम के तहत झंडेजी के आरोहण के लिए शुक्रवार सुबह करीब आठ बजे तेज वर्षा व ओलावृष्टि के बीच पूजा-अर्चना का दौर शुरू हुआ। वर्षा पूरा दिन चलती रही, मगर इससे श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई असर नहीं पड़ा। इस दौरान सेवकों ने दूध, दही, घी, मक्खन, गंगाजल से नए झंडे जी को स्नान कराया और सुबह करीब दस बजे झंडे जी (पवित्र ध्वज दंड) पर गिलाफ चढ़ाना शुरू किया गया। इसके बाद दोपहर तीन बजे से ध्वज दंड आरोहण की प्रक्रिया शुरू हुई। श्री दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेंद्र दास महाराज, संगतों एवं करीब एक लाख श्रद्धालुओं की मौजूदगी में झंडे जी का आरोहण कर रहे थे कि इसी बीच अचानक ध्वज दंड का आधा हिस्सा टूटकर श्रद्धालुओं पर आ गिरा। वहां मौजूद हर शख्स सकते में आ गया, लेकिन गनीमत रही कि श्रद्धालुओं की भीड़ ने आपा नहीं खोया। घटना में सात श्रद्धालु घायल हुए, जिन्हें एंबुलेंस के जरिये श्री महंत इंद्रेश अस्पताल पहुंचाया गया। चिकित्सकों की विशेष टीमें घायलों के उपचार में लगी हैं। वहीं, घटना के बाद पुलिस ने मेला स्थल को सुरक्षा घेरे में ले लिया व श्रद्धालुओं को सुरक्षित बाहर निकाला। इसके बाद दरबार साहिब, पुलिस प्रशासन व मुख्य संगतों के बीच बैठक हुई। पहले यह सूचना आई कि अब शनिवार की सुबह झंडेजी का दोबारा से आरोहण कराया जाएगा मगर कुछ ही देर बाद तय हुआ कि आरोहण अभी शुभ-मुहूर्त में किया जाएगा। इसके बाद आरोहण की प्रक्रिया दोबारा फिर शुरू कर दी गई। वहीं, श्री दरबार साहिब के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी भूपेंद्र रतूड़ी ने बताया कि घटना कैसे हुई, यह तो जांच का विषय है, लेकिन दरबार साहिब की पहली प्राथमिकता घायलों के समुचित उपचार एवं श्रद्धालुओं की सुरक्षा है। उन्होंने बताया कि सभी घायल खतरे से बाहर हैं।

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