मायावती के जन्मदिन को लेकर बसपा संगठन को नए नेताओं की तलाश, पार्टी में नए नेताओं और कार्यकतार्ओं को शामिल कराने का मिला है लक्ष्य

रुड़की । बहुजन समाज पार्टी के नेताओं की आजकल टेंशन बढ़ी हुई है। उन्हें कड़क ठंड में भी पसीने छूट रहे हैं। वजह ,बसपा सुप्रीमो मायावती के जन्मदिन पर पार्टी में नए नेता और कार्यकतार्ओं को शामिल करने का जो लक्ष्य मिला है। हालांकि पार्टी के नेताओं ने अब जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ने वाले नये खिलाड़ियों पर को चारा डाला है। उन्हें जीत के समीकरण समझाए जा रहे हैं और बताया जा रहा है कि बसपा के परंपरागत वोट में उनके खुद के वोट जोड़कर वह आसानी से चुनाव जीत जाएंगे। इसके बाद उन्हें राजनीति में बड़ी रफ्तार मिल जाएगी। पार्टी के यह नेता हाजी तसलीम और मोहम्मद शहजाद का हवाला भी दे रहे हैं। वह बता रहे हैं कि हाजी मोहम्मद शहजाद और तस्लीम दोनों कभी जिला पंचायत सदस्य थे। जो कि बाद में बहुजन समाज पार्टी के सिंबल पर दो-दो बार विधायक बने। अन्य कई जिला पंचायत सदस्यों को भी बहुजन समाज पार्टी के सिंबल पर विधानसभा का चुनाव लड़ने का अवसर मिला। लेकिन बहुजन समाज पार्टी में रोजाना बदलते बदलते समीकरणों के चलते अधिकतर पार्टी के नेताओं पर भरोसा नही कर रहा है। कुछ तो मुंह पर ही जवाब दे रहे हैं कि जब तक चुनाव आएगा। तब तक न जाने कितने जिलाध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी बदलेंगे। ऐसे में वह उनके भरोसे बहुजन समाज पार्टी कि सुप्रीमो मायावती के जन्मदिन में कैसे शरीक हो जाएं। लेकिन कुछ के बारे में जानकारी मिली है कि वह बसपा नेताओं के आश्वासन पर बहन जी के जन्मदिन में जा शरीक होने के लिए तैयार हो गए हैं। बता दे कि उत्तराखंड में हरिद्वार जिले के कार्यकतार्ओं पर ही बसपा सुप्रीमो मायावती का जन्मदिन मनाने का जोर रहता है। इस अवसर पर जो भी अच्छा करना हो वह सब कुछ हरिद्वार जिले के नेताओं और कार्यकतार्ओं को ही करना होता है। बसपा सुप्रीमो मायावती के जन्मदिन पर इसी जिले के नए नेताओं को पार्टी में शामिल कराया जाता है और पुरानों की वापसी भी। अब देखना यह है कि कितने नए नेता बहन जी के जन्मदिन में शरीक होते हैं और कितने पुराने नेताओं की फिर से बहुजन समाज पार्टी में वापसी होती है। क्योंकि बहुत सारे नेता बसपा से निष्कासित चल रहे हैं। इनमें से कुछ ने तो अन्य दलों की सक्रिय राजनीति में हिस्सा लेना शुरू कर दिया तो कुछ शांत होकर घर बैठे हुए हैं। इस बीच सबकी निगाह पूर्व विधायक हाजी मोहम्मद शहजाद पर भी लगी हुई है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि हाजी मोहम्मद शहजाद के लिए फिर से बसपा में जाने का इससे सुनहरा अवसर कोई हो नहीं सकता। क्योंकि फिलहाल चौधरी राजेंद्र सिंह भी उनके साथ हैं और बसपा प्रदेश अध्यक्ष शीशपाल से भी उनकी बातचीत अच्छी है। यह बात अलग है कि बसपा सुप्रीमो मायावती पूर्व विधायक मोहम्मद शहजाद को पार्टी में फिर से लेने को तैयार होगी भी या नहीं। पर यह बात पूरी तरह सही है कि यदि पूर्व विधायक हाजी मोहम्मद शहजाद कि पुन: बसपा में एंट्री हो जाए तो पार्टी को काफी मजबूती मिलेगी। हरिद्वार जिले की सियासत त्रिकोणीय हो जाएगी। अभी जिले की सियासत आमने-सामने की हो रही है। इसमें चाहे कोई मुद्दा हो या फिर चुनाव सभी में भाजपा बनाम कांग्रेस के बीच मुकाबला चल रहा है। मोहम्मद शहजाद के आने से बहुजन समाज पार्टी कई विधानसभा सीटों पर मुकाबले की स्थिति में आ सकती। साथ ही पार्टी कार्यकतार्ओं नेताओं को रुड़की नगर में बैठने का स्थान भी मिल जाएगा। वैसे भी पूर्व विधायक हाजी मोहम्मद शहजाद ने अपने सभी विरोधी जिला पंचायत सदस्यों को फिलहाल पार्टी से निष्कासित करा दिया है। यह बात अपनी जगह है कि पूर्व विधायक हाजी मोहम्मद शहजाद ने यह सब काम पर्दे के पीछे रहकर कराया है। बहरहाल, बसपा के नेताओं की फिलहाल टेंशन बढ़ी हुई है। वह लगातार क्षेत्र में दौड़ रहे हैं ।ताकि बसपा सुप्रीमो मायावती का जन्मदिन धूमधाम से मनाया जा सके। फिलहाल बहुजन समाज पार्टी के पास जन्मदिन हर्षोल्लास बनाने के लिए मात्र चौधरी राजेंद्र सिंह ही एक बड़े नेता है। इसीलिए प्रदेश संगठन को और नेताओं की भी तलाश करनी पड़ रही है। अब देखना यह है कि बहन जी के जन्मदिन तक प्रदेश संगठन को नए बड़े नेता मिल पाते हैं या नहीं।

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