विधानसभा चुनाव की तैयारियों से कांग्रेस के दावेदार असहज, मेयर गौरव गोयल के चुनाव लड़ने की चचार्ओं से कांग्रेस नेताओं में खलबली
रुड़की । नवनिर्वाचित मेयर के समर्थकों द्वारा वर्ष 2022 के विधानसभा की चुनाव की तैयारियां शुरू कर देने और गौरव गोयल के कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की चर्चा मात्र से कांग्रेस नेताओं में खलबली मची है। दरअसल, कांग्रेस में कई नेता वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहे हैं। इसमें वह भी हैं। जिन्हें अब नगर निगम मेयर का टिकट नहीं मिला और कुछ नए नेता भी हैं ।जो कि हर हालत में विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। अब मेयर गौरव गोयल के समर्थकों ने भी विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है। जहां पर भी स्वागत कार्यक्रम और बैठक हो रही है । वहां पर उनके समर्थक इस बात को बड़ी ही शिद्दत से कह रहे हैं कि गौरव गोयल का यही अंतिम राजनीतिक मुकाम नहीं है । उन्हें अभी विधानसभा में पहुंचना है। इसके लिए भी वह सभी से समर्थन की अपील कर रहे हैं और कह रहे हैं कि नगर निगम क्षेत्र में जिसका भी जो काम हो। वह मेयर के पास पहुंचे और समय रहते उसका समाधान कराए। हालांकि मेयर गौरव गोयल ने विधानसभा चुनाव के संबंध में स्थिति स्पष्ट नहीं की है। न हीं उन्होंने अभी चुनाव लड़ने की घोषणा की है । यह बात दीगर है कि उन्होंने कहीं पर भी विधानसभा का चुनाव न लड़ने की बात भी नहीं कही है। इसीलिए कांग्रेस के दावेदारों की बेचैनी बढ़ गई है। आज कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष बाबू रणविजय सिंह के भाई की रसम पगड़ी के दौरान आयोजित शोकसभा के दौरान भी अधिकतर चर्चा इसी बात की रही कि मेयर गौरव गोयल कांग्रेस से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि इस दौरान कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने यह भी कहा है कि हो सकता है गौरव गोयल को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने टॉफी दे दी हो। क्योंकि नगर निगम के चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के कुछ समर्थकों ने गौरव गोयल का खुलकर समर्थन किया है। इसीलिए इसी तरह की बातें सामने आ रही है कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत वर्ष 2022 के चुनाव में मेयर गौरव गोयल पर ही दांव लगा सकते। इसमें कहीं कोई हर्ज भी नहीं है। क्योंकि फिलहाल कि रुड़की की सियासत में मौजूदा विधायक प्रदीप बत्रा का जितना भी सामना कर सकले है तो वह या तो मेयर गौरव गोयल कर सकते है या फिर पूर्व मेयर यशपाल राणा। इसमें यह बात भी पूरी तरह साफ है कि यदि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की विधानसभा के टिकटों में चलती है तो अभी तक की स्थिति में वह पूर्व मेयर यशपाल राणा को चुनाव नहीं लड़ाएंगे। बाद में कोई नये समीकरण उभरकर सामने आ जाए तो अलग बात है। यशपाल राणा कांग्रेस के दिग्गज नेता रणजीत सिंह रावत के समर्थक माने जाते हैं और इन दिनों प्रदेश की राजनीति में रणजीत सिंह रावत और हरीश रावत के बीच छत्तीस का आंकड़ा है। ऐसी स्थिति में हरीश रावत के सामने गौरव गोयल ही सबसे मजबूत योद्धा है। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत कहते कुछ हैं और करते कुछ हैं। उनके मन में क्या चल रहा है इसका पता लगाना हर किसी के बस की बात नहीं है। वैसे तो पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के पास डॉ रकम सिंह ,हंसराज सचदेवा, प्रमोद जोहर ,अशोक चौहान, एडवोकेट मनोहर लाल शर्मा, दिनेश कौशिक हाजी सलीम खान जैसे कई नेता है जो कि विधानसभा का चुनाव काफी अच्छा लड़ सकते हैं। इसमें 12 सैनी नेता का नाम भी जुड़ सकता है । जिसमें विचार सुभाष सैनी के नाम पर भी संभव है। हंसराज सचदेवा और अशोक चौहान को पूर्व मुख्यमंत्री लोहे से लोहा काटने की रणनीति के तहत चुनाव लड़ाने की सोच सकते हैं वजह रुड़की में भाजपा विधायक प्रदीप बत्रा पंजाबी समाज के नेता हैं। अब यदि पूर्व मुख्यमंत्री उनके मुकाबले किसी अन्य बिरादरी के नेता को चुनाव में उतारते हैं तो ऐसे में फिर से पंजाबी समाज एकजुट हो सकता है ।इसीलिए उनकी एक कोशिश यह भी हो सकती है कि पहले पंजाबी समाज के वोटों का विभाजन किया जाए। तभी कांग्रेस के पंजाबी समाज के नेताओं के लिए बात बन सकती है ।अन्यथा जिस तरह से पिछले कई चुनाव हो चुके हैं ।ऐसा ही अगले चुनाव में होने की संभावना है ।यानी कि पंजाबी बनाम वैश्य समाज की राजनीति आमने सामने डट सकती है । जैसे कि प्रदीप बत्रा बनाम सुरेश जैन के बीच पिछले 2 चुनाव हो चुके हैं। इस स्थिति में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की ओर से यदि मेयर गौरव गोयल मैदान में आ जाए तो इसमें आश्चर्य की बात नहीं होगी। वैसे पूर्व चेयरमैन प्रमोद जौहर का कहना है कि पूर्व वहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के सबसे करीबी है और यदि पूर्व मुख्यमंत्री किसी पंजाबी को चुनाव लड़ाने पर विचार करेंगे तो उन्हें ही वरीयता देंगे। वैसे हंसराज सचदेवा के समर्थकों का भी कुछ ऐसा ही मानना है। बहरहाल,गौरव गोयल के चुनाव लड़ने की चचार्ओं से कांग्रेस नेता असहज है और वह अभी से चुनावी जमीन तैयार करने में जुट गए हैं।