भाजपा जिला कार्यालय पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती विचार दिवस के रूप में मनाई गई, जिलाध्यक्ष डॉक्टर जयपाल सिंह ने कहा एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जीवन काफी कठिन परिस्थितियों में गुजरा

हरिद्वार । भाजपा जिला कार्यालय पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती विचार दिवस के रूप में मनाई गई। जिसमें पंडित दीनदयाल के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित की गई। इस दौरान जिलाध्यक्ष डॉ. जयपाल सिंह चौहान ने कहा कि एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जीवन काफी कठिन परिस्थितियों में गुजरा। तीन वर्ष की अवस्था में ही उनके पिता तथा आठ वर्ष की अवस्था में माता का देहांत हो गया। शिक्षा पूरी करने के बाद मामी के आग्रह पर उन्होंने प्रशासनिक सेवा की परीक्षा दी। उसमें भी वे प्रथम स्थान पर रहे। तब तक वे नौकरी और गृहस्थी के बंधन से मुक्त रहकर संघ को सर्वस्व समर्पण करने का मन बना चुके थे। 1942 से उनका प्रचारक जीवन गोला गोकर्णनाथ (लखीमपुर, उ.प्र.) से प्रारंभ हुआ। 1947 में वे उत्तर प्रदेश के सहप्रान्त प्रचारक बनाए गए।भारतीय जनसंघ की स्थापना में दीनदयाल संगठन मन्त्री और फिर महामंत्री बनाए गए। जिला महामंत्री विकास तिवारी ने कहा कि 1953 के कश्मीर सत्याग्रह में डॉ. मुखर्जी की रहस्यपूर्ण परिस्थितियों में मृत्यु के बाद जनसंघ की पूरी जिम्मेदारी दीनदयाल पर आ गई। वे एक कुशल संगठक, वक्ता, लेखक, पत्रकार और चिन्तक भी थे। लखनऊ में राष्ट्रधर्म प्रकाशन की स्थापना उन्होंने ही की थी। इस अवसर पर प्रदेश सह मीडिया प्रभारी सुनील सैनी, जिला उपाध्यक्ष देशराज रोड, अंकित आर्य, लव शर्मा, आशु चौधरी, मोहित वर्मा, विजय चौहान, विनोद चौहान, सचिन चौधरी, प्रीति गुप्ता, संदीप कुमार, रावजमीर आदि शामिल रहे।

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