दीपोत्सव की रही धूम, रातभर चला आतिशबाजी का दौर, उल्लास व उमंग संग जलाए दीप, पूरा शहर दूधिया रोशनी से नहा उठा

रुड़की । गुरुवार को दीपोत्सव की धूम रही। रातभर चला आतिशबाजी का दौर। उल्लास व उमंग संग दीप जलाए गए। पूरा शहर दूधिया रोशनी से नहा उठा। लोगों ने अपने घरों में जहां रंगोली बनाई वही दुकानों व प्रतिष्ठानों को रंग-बिरंगे झालरों की मदद से दुल्हन की तरफ सजाया गया।सुबह से ही दुकानों पर मिष्ठान व दीपावली के उपहार की खरीददारी के लिए आम – ओ-खास की कतार लगी रही। लोगों ने जमकर खरीदारी की। बाजारों में पर्व को लेकर भारी उत्साह नजर आया। शहरी क्षेत्र के अधिकांश बाजारों में जाम की स्थिति बनी रही। पुलिस भी पर्व को लेकर सतर्क नजर आई। रुड़की में में दीपावली के त्योहार को लेकर चहुंओर खुशी का माहौल रहा। शाम होते ही शिक्षानगरी का हर कोना दूधिया रोशनी से जगमगा उठा। दीपावली के एक सप्ताह पूर्व से ही लोग घरों के रंग-रोगन के साथ ही विद्युत झालरों से सजाने -संवारने का कार्य प्रारंभ कर दिया था। दीपावली पर उनका यह प्रयास पूरी तरह परवान चढ़ता नजर आया।एक से एक बढ़कर एक विद्युत झालरों के दूधिया रोशनी से सजाए गए मकान शहर की शोभा में चार चांद लगा रहे थे। इसके मध्य में दीपों की सजावट आभा को और बढ़ाती नजर आई। आवासों के साथ कई महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों व मंदिरों को भी आकर्षक ढंग से सजाया गया था। घरों में भक्तिभाव से भगवान श्रीगणेश व मां लक्ष्मी की वेद मंत्रोच्चार के मध्य विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई।शाम होते ही छोटे-बड़े सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों में पूजा-पाठ का दौर चलता रहा। इस बीच पर्व की ग्रामीणों इलाकों में भी जबरदस्त धूम रही। महालक्ष्मी पूजन व दीपावली का पर्व कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या में प्रदोष काल, स्थिर लग्न समय में मनाया जाता है। इस दिन लोग धन की देवी महालक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए लक्ष्मी पूजन करते हैं। दीपावली के दिन की विशेषता मां लक्ष्मीजी के पूजन से संबंधित है। इस दिन हर घर, परिवार, कार्यालय में महालक्ष्मीजी का पूजन कर उनका स्वागत किया जाता है। लोग धन की देवी मां लक्ष्मी से समृद्धि व वित्तकोष की कामना करते हैं। पर्व को लेकर बाजार में चहल- पहल दिखाई दे रही थी। दीप जलाकर मिटाया अंधियारादीपोत्सव पर शाम होते ही ज्योति के पर्व का उल्लास व उत्साह लोगों के सिर चढ़कर बोलने लगा। घरों से लेकर व्यापारिक प्रतिष्ठान रंग-बिरंगे झालर व मिट्टी के दीए जगमगा उठे। इस दौरान उजियारा फैलते ही चारों ओर अंधियारा मिट गया। फूल व मिठाई की दुकानों पर भीड़ दीपावली पर्व पर भगवान गणेश व महालक्ष्मी की पूजा के लिए फूलों की दुकानों पर भीड़ रही। सबसे अधिक कमल के फूल की डिमांड रही। दुकानदार भी मौका देखकर 90 से 100 रुपये जोड़ा कमल के फूल बेचे। महालक्ष्मी की पूजा कमल के फूल से ही होती है। गेंदा का माला 50 से 60 रुपये तक बिका। इसके अलावा मिठाई की दुकानों पर लोग मिष्ठान खरीदते रहे। कई दुकानों पर मिठाई खत्म हो गई। लोगों ने एक दूसरे को मिठाई संग सूखे मेवे आदि तोहफे में दिए।

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