किसानों के आंदोलन को संयुक्त ट्रेड यूनियन समन्वय समिति ने दिया समर्थन, किसान एवं श्रम विरोधी नीतियों के विरोध में किया प्रदर्शन, वक्ताओं ने कहा किसानों के हितों की अनदेखी कर रही केंद्र सरकार

हरिद्वार । किसान संगठनों द्वारा किसान विरोधी कानून के अनुथित तरीके से पारित किये जाने के विरोध में चलाये जा रहे आन्दोलन के समर्थन में केन्द्रीय ट्रेड यूनियनो के आध्यान पर जनपद हरिद्वार में संयुक्त ट्रेड यूनियन इंटक एटक एस०एम०एस० सीटू आदि के कार्यकर्ता शिवालिक नगर चौक थी०एच०ई०एल हरिद्वार में एकत्रित होकर केन्द्र सरकार की किसान एवं श्रम विरोधी नीतियों के विरोध में धरना प्रदर्शन किया। धरना स्थल पर आम सभा हुई आम सभा की अध्यक्षता एटक के जिलाध्यक्ष मुनरिका यादव तथा संचालन सीटू के जिलाध्यक्ष पी0डी0 बलोनी ने किया । सभा को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि केन्द्र सरकार बडे उपोगपतियों जमींदारों के इसारे पर देश के मजदूरों एवं किसानी के हितों की अनदेखी करते हुए विपक्ष विहीन राज्य सभा जहाँ कि सरकार का बहुत भी नही है विधेयक को आन-फानन में बिना चर्चा के पारित कर रही है। जिससे इस देश के किसान एवं मजदूरों की हालत और भी खराब हो जायेगी मजदूर किसान एकता पर बल देते हुए गम्ताओ ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा जो किसानों से सम्बन्धित तीन बिल को कानूनी बनाने हेतु भारत के राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर हेतु भेजा गया है यह पूर्णतया किसानों के हितो पर कुठाराघात करता है। किसान संगठनों एवं किसानो द्वारा भी राष्ट्रपति से अनुरोध किया है कि इस किसान विरोधी बिल पर हस्ताक्षर न करें तथा इस बिल के विरोध में किसान संगठनों ने आज भारत बंद का आह्वान किया है किसानों की मुख्य मांग है कि बिलो में यह गारन्टी सुनिश्चित की जाय की न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम में किसान की फसल को नही खरीदा जायेगा तथा न्यूनतम समर्थन एवं मूल्य सरकारी खरीद केन्द्र पूर्व की भान्ति यथावत बने रहेंगे। आवश्यक वस्तु अधिनियम को पूर्व की भान्ति रखा जाय जिससे साध्य वस्तुओं की जमाखोरी एव काला बाजारी पर रोक लगाई जाय तथा ठेका खेती पर उठे विवाद के निस्तारण हेतु न्यायालय में जाने का अधिकार पक्षो को दिया जाय जिसे केन्द्र सरकार द्वारा इन विधेयको में समाप्त करते हुए उप जिला अधिकारी को विवाद को सुनने का अधिकार दिया है तथा न्यायालय जाने की पक्षो के अधिकार को समाप्त किया गया है। हम सभी किसानों की मांगों का समर्थन करते है तथा सरकार से आग्रह करते हैं कि वह इन बिलों पर पुनर्विचार करते हुए राज्य सभा में विरोधी पक्षों द्वारा उठाये गये विन्दुओ पर गौर करते हुए उठाये गये विन्दुओं को समायोजित करे सभा को अन्य लोगों के अलावा एच०एम०एस० की ओर से प्रेम चन्द सींमरा, मुकेश धीमान, मनीष सिंह, राधेश्याम,नवीन कुमार, योगेन्द्र राम, रणवीर सिंह, आशुतोष, योगेन्द्र सिंह,नरेश कुमार एटक की ओर से मुनरिका यादव सौरम त्यागी, संदीप चौधरी, मनमोहन, नईम खान, आईडी पन्त, दिनेश सलोनिया, रवि प्रताप राय, एम०एस० त्यागी धनश्याम यादव रोहित सिंह, परमाल, दीपक शाण्डिल्य. विजयपाल सिंह, एम०एस० बर्मा इन्टक की और से राजबीर चौहान, मजूर खान, राजेन्द्र चौहान, मुकुल राज, अमरीश चौहान, मनोज यादव, अमित सिंह, अश्वनी चौहान, आशुतोष पीहान अनगपाल प्रदीप कुमार, रेशू चौहान, अरविन्द कुमार, डी०एन०शाही, राजेश बिष्ट, इफ्तकार हसन, करण सिंह ण महान् सुनील नेगी, प्रवीण कुमार संजय शर्मा, प्रदीप चोहान सीटू की ओर से पी०डी० बलोनी, एम0पी0जखमोला, इमरत सिंह, किसान नेता लालदीन वीरेन्द्र सिंह, आर०पी०जखमोला, आरसी धीमान, अशोक चौधरी सुरेन्द्र कुमार, राजकुमार, वसीम अहमद, आरके बडोनी, विनोद कुमार, सोनू कुमार, कमल, देवेन्द्र, रोबिन, अमरीश गौरव धीमान, कयूमन आदि मौजूद रहे।

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