हरिद्वार के डीईओ ब्रह्मपाल सैनी सस्पेंड, हाईकोर्ट के आदेश पर सरकार की कार्रवाई

हरिद्वार । रिटायरमेंट से एक महीना पहले ही हरिद्वार के डीईओ-बेसिक ब्रह्मपाल सिंह सैनी पर गाज गिर गई। सरकार ने भ्रष्टाचार के 18 विभिन्न आरोपों के आधार पर सैनी को सस्पेंड किया है। हाईकोर्ट ने भी सरकार को सैनी के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे। गुरुवार शिक्षा सचिव आर मीनाक्षीसुंदरम ने संस्पेंशन के आदेश जारी किए। सैनी को माध्यमिक शिक्षा निदेशालय से अटैच किया गया है। शिक्षा सचिव ने बताया कि सैनी को चार्जशीट दे दी गई है। निलंबन अवधि में सैनी को नियमानुसार देय सभी सुविधाएं जारी रहेंगी। दूसरी तरफ, सैनी ने शासन के फैसले पर तो टिप्पणी नहीं की, लेकिन यह जोर देते हुए कहा कि सभी आरोप निराधार है। चार्जशीट के सभी आरोपों का बिंदुवार जवाब दिया जाएगा। सितंबर में सैनी का रिटायरमेंट है।सैनी ने दो साल के कार्यकाल में 250 नए स्कूलों का मान्यता दे दी। जबकि 50 स्कूलों की मान्यताओं को रिन्यु किया। प्रारंभिक जांच में पाया गया कि इनमें कई स्कूल ऐसे हैं, जो तय मानक भी पूरे नहीं करते। सैनी ने सभी विभागीय मानकों की अनदेखी करते हुए इन स्कूलों को मान्यता दे दी। 26 दिसंबर 2017 को सैनी का बागेश्वर तबादला कर दिया गया था। लेकिन उन्होंने ज्वाइन नहीं किया। बाद में अपने रसूख का इस्तेमाल करते हुए अपना तबादला दोबारा हरिद्वार ही करवा लिया। सरकार ने इस मामल को गंभीर अनुशासनहीना माना है। हर अधिकारी को सरकारी वाहन इस्तेमाल के लिए हर महीने दो हजार रुपये की कटौती करानी होती है। सैनी ने सरकारी कार का खूब इस्तेमाल किया, लेकिन वेतन से कटौती नहीं करवाई। एक सूचना के अधिकार में मांगी गई जानकारी में सैनी ने अपना वाहन खर्च सात लाख 72 हजार 426 रुपये बताया। यह खर्च 18 महीने की अवधि का है। सैनी पर उपशिक्षा अधिकारियों और शिक्षकों के तबादले और उन्हें कार्यमुक्त करने में भी भ्रष्टाचर का आरोप लगा है। आरोप है कि इन कामों के लिए सैनी के कार्यकाल में काफी वित्तीय गोलमाल किया। इसकी शिकायत शिक्षकों की ओर से भी की गई है।

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