झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल ने कुंभ को लेकर स्थाई और अस्थाई प्रकृति के कार्यों पर पुनर्विचार करने की मांग की, सीएम को भेजा पत्र

हरिद्वार । झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल ने हरिद्वार कुंभ को लेकर स्थाई और अस्थाई प्रकृति के कार्यों पर पुनर्विचार किए जाने की मांग की है। विधायक का कहना है कि कुंभ के समय यदि कोरोना का प्रभाव बना रहता है तो उस स्थिति में निर्माण की आवश्यकता का मूल्याकंन अभी से किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में विधायक ने कहा कि व्यापारिक, औद्यौगिक संस्थानों की लगातार घट रही उत्पादकता के कारण आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। सरकार की प्राथमिकता जनता को महामारी से बचाने की है। बदरी-केदार सहित अन्य धामों में गतिविधियां लगभग शून्य हो गयी हैं। कुंभ कार्यों पर 500 करोड़ से लेकर कई ज्यादा धनराशि व्यय होती है। राज्य के सीमित आर्थिक संसाधनों और खासकर कोरोना महासंकट से खराब हुई आर्थिक स्थिति को देखते हुए कई बातों पर विचार करना जरूरी है। यदि दुर्भाग्यवश कोरोना का कुछ भी असर कुंभ के समय तक बना रहता है तो पूरी व्यवस्थाओं पर एक बार पुनर्विचार किया जाना आवश्यक है। लाखों- करोड़ों श्रद्धालु हरिद्वार आते हैं तो उस दशा में सामाजिक दूरी जैसे अंत्यन्त महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर काम करना मुश्किल होगा। स्थायी, अस्थायी कार्यो के निर्माण की आवश्यकता का पूर्व मूल्यांकन अभी से किया जाना जरूरी है। जिससे की सरकारी धन का सदुपयोग हो सके।

कहा कि विषय के महत्व को देखते हुए तत्काल सभी जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संस्थानों, प्रशासनिक अधिकारियों, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के उच्चाधिकारियों, नगर निगम व विकास प्राधिकरण हरिद्वार और ऋषिकेश और कुंभ क्षेत्र के प्रभावित होने वाले समुदायों आदि से बात कर पुनर्विचार कर आगे की नीति निर्धारित करनी चाहिए। विधायक ने पूरे हरिद्वार जनपद को महाकुंभ में शामिल किए जाने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा है कि महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं का पहला पड़ाव नारसन, भगवानपुर ,झबरेड़ा लक्सर खानपुर हरिद्वार ग्रामीण क्षेत्र में होता है। इसीलिए पूरे जनपद को ही महाकुंभ में शामिल किया जाना चाहिए।

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