बिना ई-पास के भी बदरीनाथ और केदारनाथ के दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु, यात्रियों की सुविधा को देखते हुए शासन ने लिया आफलाइन पास जारी करने का निर्णय
देहरादून । श्रद्धालु बिना ई-पास के भी बदरीनाथ और केदारनाथ के दर्शन कर सकेंगे। यात्रियों की सुविधा को देखते हुए शासन ने आफलाइन पास जारी करने का निर्णय लिया है। सचिव धर्मस्व एचसी सेमवाल ने संबंधित जिलों को इस आशय के आदेश जारी कर दिए हैं। उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने गंगोत्री और यमुनोत्री में 23 सितंबर से ही यह व्यवस्था लागू कर दी थी। हालांकि चार धाम यात्रा के लिए जारी मानक प्रचालन कार्यविधि (एसओपी) के अनुसार यात्रियों को स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा। इसके अलावा वैक्सीन की दोनों डोज का सर्टिफिकेट अथवा अथवा 72 घंटे पहले की कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट होना अनिवार्य है। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर उच्च न्यायालय ने बदरीनाथ, केदारनााथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के लिए प्रतिदिन यात्रियों की अधिकतम संख्या निर्धारित की हुई है। बावजूद इसके धामों में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या इससे काफी कम है। सेमवाल ने बताया कि कई श्रद्धालु पंजीकरण तो करा रहे हैं, लेकिन पहुंच नहीं रहे हैं। दूसरी ओर कई यात्री ऐसे हैं जिनका पंजीकरण तो है, लेकिन ई-पास नहीं बन पाया है। यात्रा पड़ाव पर चेकिंग के दौरान ऐसे यात्रियों पुलिस से नोकझोंक भी हो रही है। इसी के मद्देनजर मौके पर ही आफलाइन पास जारी करने का निर्णय लिया गया है। चार धाम यात्रा को एक सप्ताह का समय हुआ है और इस अवधि में कुल 11434 श्रद्धालुओं ने चार धाम के दर्शन किए। इसमें सर्वाधिक 4322 श्रद्धालु केदारनाथ धाम पहुंचे, जबकि 3183 बदरीनाथ, 1800 यमुनोत्री और 2129 यात्रियों ने गंगोत्री धाम के दर्शन किए। हाई कोर्ट की ओर से निर्धारित अधिकतम संख्या के तहत 2800 यात्री प्रतिदिन चारों धाम में दर्शन कर सकते हैं। हालांकि अब तक प्रतिदिन चार धाम पहुंचने वालों की संख्या औसतन 1633 है।
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