उत्तराखण्ड पंचायती राज अधिनियम के तहत जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत चुने जाने पर निकाय बन जाने पर सदस्यता समाप्त नहीं होगी बल्कि वे उस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेंगे
देहरादून /हरिद्वार । त्रिवेंद्र कैबिनेट की शुक्रवार शाम को हुई बैठक में लिए गए निर्णय से बहुत सारे पंचायत प्रतिनिधियों को बड़ी राहत मिली है। यानी कि शहरी क्षेत्र में निवास आने पर जिनकी सदस्यता को खतरा था अब है खतरा पूरी तरह टल गया है। प्रदेश में ऐसे काफी पंचायत प्रतिनिधि थे जो कि नगर पंचायत, नगरपालिका और नगर निगम का विस्तार होने के बाद अपने प्रतिनिधित्व की लड़ाई लड़ रहे थे। अब उन्हें कानूनी दृष्टि से एकबड़ा आधार मिल गया है यह कानूनविदो का कहना है कि संबंधित पंचायत प्रतिनिधियों के जो मुकदमे विभिन्न अदालतों में प्रतिनिधित्व के लिए चल रहे थे वहां पर कैबिनेट की बैठक में लिए गए निर्णय की प्रति दाखिल होते ही वह मुकदमे सवतः ही निरस्त हो जाएंगे। वैसे देखा जाए तो हरिद्वार पंचायत राजनीति के लिहाज से त्रिवेंद्र सरकार ने एक और बड़ा निर्णय पिछले कुछ दिनों के भीतर लिया है। जिसमें हरिद्वार जनपद में जो नगर पंचायत बनी थी और उनके कारण जिला पंचायत और क्षेत्र विकास समिति के परिसीमन का कार्य रुका हुआ था। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के हस्तक्षेप से वह परिसीमन का कार्य भी शुरू होने जा रहा है।
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