कृषि, रेलवे, आपदा आदि क्षेत्रों में ड्रोन रिसर्च सेंटर अपनी अहम भूमिका निभाएगा: प्रो. चतुर्वेदी

रुड़की। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की में ड्रोन रिसर्च सेंटर खोला गया है। इस सेंटर का फसलों की वास्तविक स्थिति एवं आपदा की सही वजह का पता लगाने आदि कार्यों में अहम योगदान रहेगा। इसके अलावा छात्रों को स्टार्ट अप शुरू करने में भी ड्रोन रिसर्च सेंटर मदद करेगा। आईआईटी रुड़की के 1994 बैच के पूर्व छात्रों की पहल पर संस्थान में ड्रोन रिसर्च सेंटर खोला गया है। ड्रोन रिसर्च सेंटर के बारे में जानकारी देने के लिए गुरुवार को आयोजित प्रेसवार्ता में निदेशक प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि संस्थान में ड्रोन रिसर्च खोलना 1994 बैच के छात्रों का विचार था। उन्होंने बताया कि संस्थान के पूर्व छात्रों की ओर से काफी मंथन के बाद ड्रोन रिसर्च सेंटर खोलने पर सहमति बनी। पूर्व-छात्र संस्थान में कोई ऐसा सेंटर खोलना चाहते थे, जो सीमित अवधि तक नहीं, बल्कि लंबे समय तक समाज के लिए काम करें। जिसके बाद ड्रोन रिसर्च सेंटर खोलने का निर्णय लिया गया। निदेशक ने बताया कि कृषि, रेलवे, आपदा आदि क्षेत्रों में ड्रोन रिसर्च सेंटर अपनी अहम भूमिका निभाएगा। जिन जगहों पर मैनुअली जाना संभव नहीं होता है वहां से ड्रोन टॉप व्यू उपलब्ध करवाएगा। आईजी अमित सिन्हा ने कहा कि आईआईटी रुड़की में खोला गया ड्रोन रिसर्च सेंटर मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र और आपदा को ध्यान में रखते हुए ही इस सेंटर की शुरुआत की गई है। सेंटर में नए-नए रिसर्च होंगे। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विकसित किए जाएंगे। इसके अलावा मैन्युफैक्चरिंग का कार्य भी होगा। उन्होंने बताया कि चमोली में आई आपदा में ऋषि गंगा में सर्च और रेस्क्यू में ड्रोन ने अहम भूमिका निभाई है। पूर्व छात्र अनीश रखेजा ने कहा कि ड्रोन रिसर्च सेंटर खुलने से आत्मनिर्भर भारत की तरफ भी कदम बढ़ेगा। प्रेसवार्ता से पूर्व आईजी अमित सिन्हा ने लैब का भी निरीक्षण किया। वहीं वर्चुअल कार्यक्रम में इस सेंटर का उद्घाटन किया गया। इस मौके पर डॉ. बीआर गुर्जर, डॉ. धर्मेंद्र सिंह और पूर्व छात्र उपस्थित रहे।

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