भाकियू में टूट पर राकेश टिकैत बोले- सरकार के इशारे पर हुआ सब कुछ, 1 नोटिस से डर गए कुछ किसान नेता

लखनऊ । कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के सूत्रधार रहे भारतीय किसान यूनियन में दरार पड़ गयी है। किसान आंदोलन का बड़ा चेहरा रहे राकेश टिकैत और उनके भाई नरेश टिकैत को संगठन से अलग कर दिया गया है। नया संगठन भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के नाम से काम करेगा, जिसका अध्यक्ष राजेश सिंह चौहान को बनाया गया है। जिसके बाद राकेश टिकैत ने कहा कि ये सब कुछ सरकार के इशारे पर हुआ है।राकेश टिकैत ने BKU में टूट पर अपनी बात रखते हुए कहा, ‘हमने मनाने की कोशिश की थी। मैं लखनऊ भी गया था। राजेश सिंह मान भी गए थे, पर लगता है कि ज्यादा प्रेशर था। सरकार अपनी मंशा में कामयाब हो गई। ये सब कुछ सरकार के इशारे पर हुआ है। कुछ लोगों के जाने से संगठन पर असर नहीं पड़ेगा।टिकैत का कहना है कि इसके पीछे सरकार है। सरकार ने नोटिस से डरा दिया। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से जनवरी 2021 में लोगों ने सरेंडर किया था, उसी तरीके से आज भी चंद लोगों ने सरकार के सामने सरेंडर कर दिया। पहले भी हमारे संगठन से कई लोग बाहर जा चुके हैं, यूपी में ही भारतीय किसान यूनियन से टूटकर 8-10 संगठन बन चुके हैं। राकेश टिकैत ने कहा कि लखनऊ में जो हमारा कार्यालय है उस पर एक से दो करोड़ रुपए का बिल बन गया था, लगता है सरकार ने नोटिस से डरा दिया। उन्होंने कहा कि मैं किसी के खिलाफ कुछ नहीं बोलूंगा, क्योंकि कई लोगों के साथ मैंने सालों से काम किया है।वहीं, दूसरी ओर भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के सदस्यों का कहना है कि टिकैत ने 2022 के चुनाव में सिर्फ एक पार्टी की तरफदारी की और एक विशेष पार्टी को टारगेट किया, इससे संगठन को बहुत नुकसान हुआ।

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