पापों का नाश करने वाला है गंगा दशहरा का स्नान, निरंजनी अखाड़ा घाट पर गंगा पूजन, दुग्धाभिषेक किया, श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कठोर तपस्या के बाद लोक कल्याण के लिए धरती पर अवरित हुईं थी मां गंगा

हरिद्वार । मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि रोग, शोक, दुख को दूर करने वाली पतित पावनी मां गंगा के जल में स्नान करने से पापों का नाश व पुण्यों की प्राप्ति होती है। गंगा दशहरे के अवसर पर निरंजनी अखाड़ा घाट पर गंगा पूजन व दुग्धाभिषेक करने के दौरान श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि ज्येष्ठ शुक्ल दशमी के दिन राजा भगीरथ की कठोर तपस्या के बाद लोक कल्याण के लिए मां गंगा धरती पर अवरित हुईं थी। इस दिन गंगा नदी में खड़े होकर गंगा स्तोत्र का पाठ करने से साधक सभी पापों से मुक्ति पाता है। गंगा स्नान से कई यज्ञ के बराबर पुण्य प्राप्त होते हैं। करोड़ों लोगों की आस्था की प्रतीक गंगा भारत ही नहीं विश्व की सर्वाधिक पवित्र जलधारा है। गंगा में स्नान करने से मनुष्य के सारे पापों का नाश हो जाता है। भगवान शिव की जटाओं में वास करने वाली मां गंगा के दर्शन व आचमन मात्र से ही व्यक्ति का कल्याण हो जाता है। श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने फल, फूल, दूध, दही, मिष्ठान सहित कई द्रव्यों से मां गंगा का अभिषेक कर देश दुनिया को कोरोना वायरस के प्रकोप से बचाने की प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि युगों युगों से अनवरत बह रही मां गंगा प्राणीमात्र का कल्याण करने वाली देवनदी है। मां गंगा की कृपा से देश दुनिया को शीघ्र ही कोरोना वायरस के प्रकोप से मुक्ति मिलेगी। सभी को गंगा जल की पवित्रता, निर्मलता व अविरलता बनाए रखने के लिए सहयोग करना चाहिए। 2021 में प्रस्तावित महाकुंभ के आयोजन को स्थगित कर 2022 में कराने के महामण्डलेश्वर परिषद के प्रस्ताव के विषय पर श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि 30 जून को आयोजित की जा रही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक के बाद ही इस संबंध में कुछ कहा जा सकेगा। इस अवसर पर मनसा देवी मंदिर के ट्रस्टी प्रदीप शर्मा, अनिल शर्मा, स्वामी राजपुरी, स्वामी धनंजय गिरी, स्वामी मधुरवन, टीना, प्रतीक सूरी, डा.सुनील बत्रा आदि मौजूद रहे।

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