गुरु शिष्य परंपरा भारतीय संस्कृति के मूल में: ज्योतिषाचार्य सेमवाल, उत्तराखंड ज्योतिष परिषद में धूमधाम से मनाया गया गुरु पूर्णिमा का पर्व

रुड़की। उत्तराखंड ज्योतिष परिषद कार्यालय में गुरु पूर्णिमा का पर्व धूमधाम से मनाया गया। आचार्य रमेश सेमवाल ने कहा कि आज व्यास जयंती है भगवान वेदव्यास को आज के दिन याद किया जाता है। गुरु शिष्य परंपरा भारतीय संस्कृति भारतीय धर्म के मूल में है। इसलिए हमें अपने गुरु का सदैव सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा हमें वेदव्यास के बताए हुए मार्ग पर चलना चाहिए। कहा गुरु परंपरा भारतीय प्राचीन हिंदू वैदिक सनातन धर्म में शुरू से रही है। गुरु द्रोणाचार्य ने पांडवों और कौरवों को शिक्षा दी। भगवान श्रीकृष्ण ने भी गुरुकुल में अध्ययन किया। प्रभु श्रीराम ने भी गुरुकुल में अध्ययन किया। इस दौरान राष्ट्र कल्याण के लिए विशेष यज्ञ भी किया गया। कार्यक्रम में शहर विधायक प्रदीप बत्रा, मेयर गौरव गोयल,डॉ. कल्पना सैनी, सुलक्षणा सेमवाल, पूनम सिंह, प्रदीप बदावन, इंद्र बधान, इंद्रमणि सेमवाल,नरेश सेमवाल, संदीप शास्त्री,मुकेश शास्त्री, राधा भटनागर,चित्र गोयल, राम कुमार गुप्ता, रजत गौतम, नितिन शर्मा, डॉ विपिन गुप्ता ,सुलक्ष्णा सेमवाल ,आदिति सेमवाल श्रद्धालु आदि उपस्थित रहे।

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