तैयार होने लगी है विधानसभा की सियासी जमीन, दावेदारों की सक्रियता बढ़ी और टिकट के लिए भी फिट करने लगे हैं गोट

राहुल चौहान, हरिद्वार । विधानसभा के लिए सियासी जमीन तैयार होने लगी है। चाहे वह विभिन्न मुद्दों को लेकर या फिर अपने विरोधियों पर निशाना साध कर। दावेदारों की सक्रियता किसी ना किसी बहाने क्षेत्र में बढ़ गई है। लगे हाथ यह है टिकट के लिए भी गोट अभी से फिट करने लगे हैं। कांग्रेस और भाजपा हो या बहुजन समाज पार्टी सभी में दावेदारों को प्रदेशीय नेताओं पर कम और राष्ट्रीय नेताओं पर ज्यादा भरोसा है। इसीलिए तीनों पार्टी के स्थानीय नेताओं का दिल्ली दौरा भी अब शुरू हो गया है। यदि हाल में हुए धरने प्रदर्शन हंगामे के पीछे की वजह खोजे तो सभी में विधानसभा चुनाव की तैयारियां नजर आ रही हैं। हरिद्वार में यदि कांग्रेस के कुछ नेता शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक के खिलाफ अचानक बहुत अधिक सक्रिय हुए हैं। इसकी भी सबसे बड़ी वजह यही है कि वह इस बार का चुनाव लड़ना चाहते हैं। इसके लिए वह अभी से जमीन पुख्ता करने की कोशिश में लग गए हैं। पूर्व विधायक अमरीश कुमार तो वर्ष 1985 से लगातार ही चुनाव लड़ते आ रहे हैं। लेकिन डॉक्टर संजय पालीवाल को अभी चुनाव लड़ने का अवसर नहीं मिला है। निगाह मेयर पति अशोक शर्मा की भी विधानसभा के चुनाव पर है। सतपाल ब्रह्मचारी ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी राजवीर सिंह चौहान भी हर हाल में चुनाव लड़ना चाहते हैं। यह बात अलग है कि इन नेताओं को चुनाव लड़ने का अवसर मिलेगा। यह कांग्रेस के आंतरिक समीकरणों पर निर्भर करेगा। राजनीतिक जानकारों की माने तो यदि प्रदेश कांग्रेस की कमान प्रीतम सिंह पर ही रहती है तो विधानसभा का चुनाव लड़ने का अवसर उनके समर्थक दावेदारों को मिलेगा और यदि किन्ही कारणों से प्रदेश कांग्रेस पर नियंत्रण हरीश रावत का हो जाता है तो फिर चुनाव उनके समर्थक ही लड़ेंगे। इसमें जो तस्वीर उभर कर सामने आ रही है उसमें प्रीतम सिंह के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए डॉक्टर संजय पालीवाल, अमरीश कुमार ताहिर। हसन ,इंजीनियर एसपी सिंह, काजी निजामुद्दीन जाती राम ममता राकेश हाजी फुरकान अहमद, जितेंद्र पवार, यशपाल राणा, मेयर अनीता शर्मा विधानसभा के प्रत्याशी के रूप में सक्रिय हैं। वही हरीश रावत खेमे की ओर से ब्रहम स्वरूप ब्रह्मचारी सतपाल ब्रह्मचारी राजवीर चौहान इरशाद अली अनुपमा रावत हंसराज सचदेवा, ब्रज रानी ममता राकेश हाजी फुरकान अहमद काजी निजामुद्दीन ,राजपाल सिंह , मनोहर लाल शर्मा सुमित चौधरी व एक भाजपा से कांग्रेस में आने वाला गुर्जर नेता सक्रिय है। यानी कि तीनों विधायकों के टिकट पक्के हैं। चाहे प्रदेश कांग्रेस की कमान किसी पर रहे। वहीं प्रीतम सिंह खेमे में 11 ही दावेदार सक्रिय हैं जबकि हरीश रावत खेमे में 14 दावेदार सक्रिय हैं। अभी तक जो स्थिति उभर कर सामने आ रही है उसमें सैनी किसी सीट से कांग्रेस का सिंबल मिलने की संभावना नहीं है। वैसे भी कांग्रेस में फिलहाल विधानसभा की दृष्टि से कोई सैनी नेता दमदारी से मैदान में है भी नहीं। वहीं भाजपा पर गौर करें तो आठों विधायकों को फिर से चुनाव लड़ने का अवसर मिलना तय है। वही पिरान कलियर से डॉ कल्पना सैनी जय भगवान सैनी राजेश सैनी मनीष सैनी और अजय सैनी के बीच टिकट को लेकर घमासान होगा। भगवानपुर में सुबोध राकेश का टिकट इस बार भी फाइनल है। मंगलोर विधानसभा सीट पर डॉक्टर गौरव चौधरी का नाम काफी आगे तक बढ़ चुका है। रही बात बहुजन समाज पार्टी की झबरेड़ा सीट पर पूर्व विधायक हरिदास का नाम लगभग तय है। इसके अलावा हाजी सर्वत करीम अंसारी, सुरेंद्र सैनी, शीशपाल सिंह, मुकर्रम अंसारी, राजेंद्र चौधरी ,रविंदर चौधरी, विजेंदर चौधरी समय दो दर्जन नेता विधानसभा चुनाव की दृष्टि से भाग दौड़ कर रहे हैं। इन पार्टी नेताओं के अलावा कुछ ऐसे नेता भी है जो कि विधानसभा की दृष्टि से काफी सक्रिय हैं। लेकिन अभी पत्ते नहीं खोल रहे हैं। बहरहाल, विधानसभा की दृष्टि से सियासी माहौल धीरे-धीरे गरमाने लगा है। इसी के साथ त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की भी तैयारियां शुरू हो गई है। कुछ माह बाद होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मद्देनजर खेमे बंदी साफ तौर पर देखने को मिलने लगी हैं।

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