कैसा रहेगा इस बार का बोर्ड शपथ ग्रहण समारोह से स्पष्ट हुई तस्वीर
रुड़की । नगर निगम की सियासत में अभी काफी कुछ उलटफेर होना है। नवनिर्वाचित मेयर और भाजपा के विद्रोही पार्षद प्रत्याशी निर्दलीय ही रहते हैं या फिर किसी ही दल के होते हैं। यह बात अभी स्पष्ट होनी है। लेकिन आज के शपथ ग्रहण समारोह से यह बात पूरी तरह साफ हो गई है कि इस बार का नगर निगम बोर्ड कैसा रहेगा। क्योंकि आज के शपथ ग्रहण समारोह में बहुत सारी नई बातें सामने आई है। जो अक्सर शहर और आसपास के क्षेत्र की सियासत पर हावी रहते हैं वह आज यहां पर नहीं दिखे। यदि भाजपा के शहर विधायक प्रदीप बत्रा को छोड़ दें तो सत्ता के अन्य कोई नुमाइंदे समारोह में नहीं आए। हालांकि संजय गुप्ता उर्फ नीलू के बारे में कहा जा रहा था कि शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक की ओर से वही प्रतिनिधि के रूप में शामिल हुए हैं। लेकिन समारोह में मौजूद लोगों के गले यह बात नहीं उतर पाई। सब का कहना था कि यदि शहरी विकास मंत्री को शपथ ग्रहण समारोह में रूचि होती तो निश्चित रूप से वह खुद यहां पहुंचते हैं या फिर अपने किसी विशेष प्रतिनिधि को यहां भेजते। जबकि इस नवनिर्वाचित मेयर गौरव गोयल ने शहरी विकास मंत्री से शिष्टाचार भेंट कर उन्हें यहां के लिए आमंत्रित भी किया गया था। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की ओर से भी समारोह में कोई नहीं आया। न तो उनका कोई प्रतिनिधि आया। न ही कोई सलाहकार आया और न ही उनकी ओर से कोई बधाई संदेश आया। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक के बारे में चर्चा थी कि वह शपथ ग्रहण समारोह में जरूर पहुंचेंगे। लेकिन वह भी नहीं आए और उनके प्रतिनिधि के रूप में भी कोई पदाधिकारी यहां नहीं पहुंचा। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत खुद नहीं आए और न ही उनका कोई प्रतिनिधि समारोह में पहुंचा। हालांकि कुछ लोगों का कहना था कि पिरान कलियर विधायक हाजी फुरकान अहमद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के प्रतिनिधि के तौर पर ही समारोह में शामिल हुए हैं। लेकिन यह बात तो हर किसी ने स्वीकार नहीं की। कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त नरेश बंसल भी समारोह में ही नजर नहीं आए। उन्हें भी नवनिर्वाचित मेयर और गौरव गोयल के द्वारा आमंत्रित किया गया था। देहरादून में उनके आवास पर शिष्टाचार भेंट के दौरान कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त दायित्वधारी नरेश बंसल ने गौरव गोयल को जीत के लड्डू भी खिलाए थे। यहां तक कि खानपुर के भाजपा विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन झबरेड़ा के भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल, भाजपा ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व दायित्वधारी श्यामवीर सिंह सैनी, भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष राजपाल सिंह ,कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष बाबू रणविजय सिंह, कृषि उत्पादन मंडी समिति के पूर्व चेयरमैन प्रमोद जौहर, पूर्व विधायक हाजी मोहम्मद शहजाद, भाजपा के जिला अध्यक्ष डॉ जयपाल सिंह चौहान, भाजपा के वरिष्ठ नेता जय भगवान सैनी, भगवानपुर विधायक ममता राकेश ,मंगलौर विधायक काजी निजामुद्दीन, मंगलौर नगर पालिका के चेयरमैन, पिरान कलियर, भगवानपुर, झबरेड़ा, लंढोरा नगर पंचायत के चेयरमैन के अलावा कई चौधरी नेता भी समारोह में नहीं दिखे। जिससे कि साफ हो रहा है कि नवनिर्वाचित बोर्ड राजनीतिक तौर पर अभी काफी कमजोर है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि नवनिर्वाचित बोर्ड को अपनी मजबूती के लिए अभी बहुत अधिक प्रयास करने होंगे सत्ता के नुमाइंदों का विश्वास जीतना होगा। तभी विकास के लिए पर्याप्त मात्रा में बजट मिल सकेगा। साथ ही विपक्ष के तमाम नेताओं का भी साथ लेना होगा। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह जरूरी नहीं है कि कोई नगर निगम क्षेत्र का ही विधायक हो। ऐसे समारोह में जनपद के अन्य क्षेत्रों के विधायक भी अक्सर शामिल होते हैं ।जिससे कि नवनिर्वाचित बोर्ड की मजबूती प्रदर्शित होती है।