कारगिल विजय भारत के शूरवीरों की शौर्य गाथा, स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा हम सबके कल के लिए जिन्होने अपना आज दे दिया, सब दे दिया, सर्वस्व दे दिया उन शहीदों को नमन

ऋषिकेश । परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्षपूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज  ने कारगिल विजय दिवस के अवसर पर कहा कि ’जान है तो जहान है’ परन्तु भारत के उन जवानों ने अपना सब कुछ मातृभूमि को दे दिया उन सभी वीरों की वीरता को नमन और उनके लिये आज सबने दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धाजंलि अर्पित की। 26 जुलाई 1999 के दिन कारगिल युद्ध  में भारत को विजय मिली थी, इसलिये प्रतिवर्ष 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज वर्ष 2020 को ऑपरेशन विजय के सफलता की 21 वीं वर्षगाँठ है। भारतीय सेना के बहादुर जवानों ने कारगिल युद्ध में विजय प्राप्त कर अपनी मातृभूमि के प्रति अपना कर्तव्य निभाया था। उन सब वीरों को जिन्होंने अपने जीवन की परवाह न करते हुये हम सब के जीवन की रक्षा के लिये अपने प्राणों का बलिदान कर दिया। उन्होने अपने जीवन को सफल किया, उनको, उनकी साधना को और उनके वीरत्व को प्रणाम। हम सबके कल के लिये, जिन्होने अपना आज दे दिया, सब दे दिया, सर्वस्व दे दिया उन शहीदों को नमन। पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने देश के वीर जवानों की माताओं को, मातृशक्ति को प्रणाम करते हुये कहा कि उनके परिवारों के लिये प्रभु से प्रार्थना करते हैं। भारत के प्रत्येक परिवार में ऐसे वीर जन्म लें, जो अपनी संस्कृति; संस्कार और देश की सीमाओं की रक्षा के लिये अपना सर्वस्व न्यौछावर कर सकें। हम सब भी मिलकर अपने राष्ट्र का सुदृढ़ बनाये सशक्त बनाए । पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज  ने भारत की सीमाओं पर खड़े सभी जवानों का अभिनन्दन करते हुये कहा कि कारगिल युद्ध में जो जवान शहीद हुये वे भौतिक रूप से तो हमारे साथ नहीं हैं परन्तु वे कभी हमसे दूर न जा पायेगे। वे सदा इस माटी में अपनी देश सेवा की सुगन्ध प्रसारित करते रहेंगे। उनकी वीरता की कहानियां पीढ़ियों तक याद की जायेंगी, वे हमेशा हमारे साथ रहेगी और आने वाले बच्चों को साहस प्रदान करती रहेंगी। वीर जवानों के संस्मरण हमारे जीवन के पावन संस्मरण हैं और आगे आने वाली पीढ़ियों के ये प्रेरणास्रोत होंगे। उन्होने कहा कि ’’देश हमें देता है सब कुछ हम भी तो कुछ देना सीखे।’’ ये भाव हम सब के भीतर हो तभी आत्मनिर्माण होगा, राष्ट्र निर्माण होगा। हम आत्म निर्भर बनेंगे और फिर आत्मजागरण भी होगा।आज कारगिल विजय दिवस की 21 वीं वर्षगाँठ है, हमारे देश के वीर जवानों ने दुश्मनों के नापाक इरादों को नाकाम कर कारगिल की पहाड़ियों पर तिरंगा फहराया था, आज भी यह अनुपम दृश्य हर भारतवासी की स्मृतियों में जीवंत है। कारगिल विजय दिवस हमें भारतीय सेना के वीर जवानों के शौर्य और बलिदान की याद दिलाता हैं। आज के दिन हमारे देश के वीर जवानों ने अपनी मातृभूमि के लिये अपना सर्वोच्च बलिदान किया था। हमारे बहादुर जवानों के तप, त्याग, दृढ़ संकल्प, धैर्य और हिम्मत का ही परिणाम है कि कारगिल की पहाड़ियों पर हमारे गौरव का प्रतीक तिरंगा गर्व के साथ लहरा रहा है। सन 1999 में करगिल युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी फौज को कारगिल की पहाड़ियों में विपरित परिस्थितियों में हराया था। यह करगिल युद्ध 60 दिनों तक चला। 26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सेना को हरा दिया था और इस ऑपरेशन को ऑपरेशन विजय नाम दिया गया। इस विजय को प्राप्त करने में भारतीय सेना के कई जवान शहीद हुए थे उन सभी शहीदों को नमन।

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