इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं रहेगा, दिनभर भाईयों के हाथ में राखी बांध सकती हैं बहनें, ज्योतिषाचार्य पंडित रजनीश शास्त्री के अनुसार भद्रा के समय राखी नहीं बांधनी चाहिए

रुड़की । रक्षाबंधन का पावन पर्व इस साल 22 अगस्त, रविवार को मनाया जा रहा है। इस पावन दिन बहन भाई को राखी बांधती है और भाई बहन को उपहार देता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शुभ मुहूर्त में राखी बांधन का बहुत अधिक महत्व होता है। ज्योतिषाचार्य पंडित रजनीश शास्त्री के अनुसार भद्रा के समय राखी नहीं बांधनी चाहिए। राखी के दिन भद्रा का खासा ध्यान रखा जाता है। लेकिन इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं रहेगा। इस साल बहनें दिनभर भाईयों के हाथ में राखी बांध सकती हैं। इस साल रक्षाबंधन पर धनिष्ठा नक्षत्र के साथ शोभन योग का शुभ संयोग बन रहा है। शोभन योग से शुभता में वृद्धि होगी। बताया कि इस दिन पूर्णिमा तिथि का मान शाम 5:31 बजे तक एवं धनिष्ठा नक्षत्र रात्रि 7:38 बजे तक है। चंद्रमा कुंभ राशि में होंगे। 22 अगस्त को सुबह 6:15 बजे से शाम 5:31 बजे के बीच कभी भी राखी बांधी जा सकती है। ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:। तेन त्वामभि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार राखी बंधवाते समय भाई का मुख पूरब दिशा में और बहन का पश्चिम दिशा में होना चाहिए।सबसे पहले बहनें अपने भाई को रोली, अक्षत का टीका लगाएं।घी के दीपक से आरती उतारें, उसके बाद मिष्ठान खिलाकर भाई के दाहिने कलाई पर राखी बांधें।

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