अमेरिका में पांच साल चलाया ट्रक, अब देश लौट कर की प्राकृतिक खेती, हो रही तगड़ी कमाई

अपना जीवनस्तर बेहतर करने के लिए पंजाब के ज्यादातर युवा अमेरिका, आस्ट्रेलिया या कनाडा जैसे देशों का रुख करते हैं। ऐसे उदाहरण बेहद कम हैं कि कोई शख्स इन देशों से वापस लौटकर खेती करके सबके सामने नई मिसाल पेश कर रहा है। हम आपको पंजाब के मोगा जिला स्थित लोहारा गांव के रहने वाले रजविंदर सिंह धालीवाल नाम के एक ऐसे ही शख्स के बारे में बता रहे हैं।राजविंदर 2007 के आसपास अमेरिका चले गए थे। वहां उन्होंने तकरीबन पांच साल तक ट्रक चलाने से लेकर होटल लाइन में भी बतौर कर्मचारी काम किया। 2012 में वह वापस भारत लौट आए और उन्होंने होटस बिजनेस में अपना हाथ आजमाया। हालांकि, उनका परिवार खेती-किसानी के पृष्ठभूमि से काफी पहले से जुड़ा रहा है। ऐसे में उनकी ज्यादा दिलचस्पी खेती किसानी में ही थी।राजविंदर कहते हैं कि उन्होंने देखा कि पंजाब में किसान फसलीकरण करते समय केमिकल का बेहद अधिक इस्तेमाल करते हैं। जो स्वास्थ्य के लिए भी बेहद नुकसानदायक है। ऐसे में उन्होंने रासायनिक उर्वरक रहित खेती के लिए जानकारियां जुटानी शुरू की और साल 2017 में अपनी 6 एकड़ जमीन पर पूरी तरह से प्राकृतिक खेती शुरू कर दी।मौजूदा समय में रजविंदर 8 एकड़ में खेती-किसानी करते हैं। गन्ना, आलू, हल्दी, सरसों जैसी फसलों को प्राकृतिक तरीके से उगाते हैं। वह खेती के अलावा इन उत्पादों को प्रोसेस करके गुड़, शक्कर और हल्दी पाउडर भी बनाकर बाजार में बेच रहे हैं, ऐसा करके वह प्रति एकड़ अन्य किसानों के मुकाबले एक लाख रुपये का अधिक मुनाफा कमाते हैं। इसके अलावा उन्होंने फार्म में आम, अमरूद, चीकू, अनार जैसे फलों के पेड़ भी लगा रखे हैं। इससे भी वह अच्छा-खासा मुनाफा कमाते हैं। राजविंदर कहते हैं कि आजकल किसान नेचुरल फार्मिंग से तभी पैसा कमा सकता है, जब वह वैल्यू एडिशन जैसी चीजों पर ध्यान देना शुरू कर दें। बता दें कि राजविंदर का जो तरीका है वह अन्य किसानों से अलग है। वह माल्चिंग विधि से खेती करते हैं।रजविंदर बताते हैं कि उन्होंने आलू को मिट्टी में लगाने के बजाय जमीन के ऊपर ही उगाना शुरू किया। इसके लिए पहले बेड बनाया जाता है। आलू बिछाने के बाद पराली से ढक देते हैं। इससे पानी भी काफी कम लगता है और इसे उखाड़ना भी आसान होता है। राजविंदर राजविंदर समय रहते सोशल मीडिया की ताकत समझ गए। वह अपने प्रोडक्ट्स की मार्केट के लिए इसी सोशल मीडिया को हथियार के तौर पर उपयोग करते हैं। रजविंदर के मुताबिक, उनता सलाना टर्नओवर 12 लाख रुपये का है। फिलहाल मुनाफा भी उन्हें 6-7 लाख के आसपास हो ही रहा है। वह आगे कहते हैं, समय के साथ-साथ उनकी खेती और अच्छी होगी और कमाई भी बेहतर होती जाएगी।

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