भारत विकास परिषद उत्तराखंड पश्चिम प्रांत द्वारा तीन दिवसीय संस्कारशाला नवरंग का आयोजन, देहरादून की आरुषि यादव को आई ई एस में 10 वीं रैंक हासिल करने पर ‘प्रांत की बेटी’ सम्मान से नवाजा गया

रुड़की । भारत विकास परिषद उत्तराखंड पश्चिम प्रांत (विकास रत्न) की महिला सहभागिता एवं बाल विकास टीम द्वारा तीन दिवसीय संस्कारशाला नवरंग का आयोजन किया गया। जिसमे देहरादून की आरुषि यादव को आई ई एस (IES) एग्जाम में ऑल इंडिया में 10 वीं रैंक हासिल करने पर ‘प्रांत की बेटी’ सम्मान से नवाजा गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रांतीय अध्यक्ष बृज प्रकाश गुप्ता तथा मंच संचालन प्रांतीय महिला संयोजिका मनीषा सिंहल एवं अन्नपूर्णा बदौनी द्वारा किया गया। अतिथि श्रृंखला में मुख्य अतिथि के रुप में तीनों दिन क्रमशः अविनाश शर्मा (राष्ट्रीय चेयरपर्सन महिला एवं बाल विकास), डा शिप्रा धर (राष्ट्रीय मंत्री ,महिला एवं बाल विकास), गीता पटनायक (वाइस चेयरपर्सन महिला एवं बाल विकास) शामिल रही। अति विशिष्ट अतिथि के रूप में अनुराग दुबलिश (राष्ट्रीय मंत्री), दिव्या लहरी (समिति सदस्य राष्ट्रीय बाल विकास), सविता कपूर (क्षेत्रिय सचिव महिला एव बाल विकास), डा.सुधा रानी पांडेय ( पूर्व कुलपति संस्कृत विश्विद्यालय) का सान्निध्य प्राप्त हुआ। विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ रजत अग्रवाल (क्षेत्रिय,सचिव,संपर्क)जोगेंद्र कुमार मोगा जी (प्रांतीय महा सचिव), इं पं सुभाष चंद्र सतपधी (प्रांतीय वित्त सचिव) डॉली डबराल (पूर्व क्षेत्रीय सचिव, संपर्क) एवम सभी शाखाओं की महिला सदस्य एवं बच्चे उपस्थित रहे। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम की संयोजिका, प्रांतीय महिला प्रमुख (पूर्व अध्यक्षा भाविप संपर्क शाखा मंगलौर,रूड़की); श्रीमती मनीषा सिंहल ने बताया कि तीनों दिन अलग अलग विषयो पर कार्यक्रम आयोजित किए गए है। मनीषा सिंहल ने यह भी बताया कि त्यौहार हमारी धर्म के प्रति आस्था और विश्वास,परंपराओं के प्रति जागरूकता एवं संस्कृति के परिचायक एवं संवाहक होते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए हमने अपने प्रथम दिन के कार्यक्रम इन्द्रधनुष (संस्कृति के रंग) अगस्त माह में पड़ने वाले सभी त्योहारों पर आधारित रखे। बेटी है तो सृष्टि है विषय पर लघु नाटिका के माध्यम से सामाजिक संदेश भी दिया गया । द्वितीय दिवस पर मुस्कान (मैं और मेरा परिवार) के सभी कार्यक्रम महिलाओं एवं बच्चों पर आधारित रहे।स्वास्थ्य,पर्यावरण,योग संस्कार, सौन्दर्य, श्रृंगार और विज्ञान, आयुर्वेद, रसोई पर आधारित कार्यक्रमों को इसमें शामिल किया गया। करोना की तीसरी लहर से बचाव और एनीमिया के प्रति जागरूकता हेतु लघु नाटिकाये भी बच्चों द्वारा प्रस्तुत की गई । तृतीय दिवस बगिया के फूल कार्यक्रम विशेषकर बच्चों के लिए रखा गया जिसके अन्तर्गत बच्चों के द्वारा देशभक्ति, धर्म और संस्कृति, पर्यावरण संरक्षण, दैनिक संस्कार तथा बेटियों पर आधारित कार्यक्रम, मेहंदी कला का प्रदर्शन तथा विभिन्न महापुरुषों की वेशभूषा पहनकर देश प्रेम के जोश से भरे संदेश, मंत्र एवं श्लोक उच्चारण जैसे कार्यक्रम किये गए। प्रांतीय अध्यक्ष ब्रजप्रकाश गुप्ता ने बताया कि समय-समय पर भारत विकास परिषद,पश्चिम प्रांत उत्तराखंड द्वारा ऐसे कार्यक्रम किए जा रहे हैं जिनमें संस्कार वृद्धि पर जोर दिया जाता है। तीन दिवसीय इस शिविर में संस्कार, धर्म एवं संस्कृति तथा वर्तमान समय के लगभग सभी विषयों के प्रति जागरूकता लाने का भरपूर प्रयास किया गया और कार्यक्रम की सबसे सुन्दर और महत्त्वपूर्ण बात यह रही कि प्रांत की सभी शाखाओं द्वारा सभी कार्यक्रमों में बढ़चढ़ कर भागीदारी की गयी।

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