फैशन डिजाइनिंग में करियर की अच्छी संभावनाएं, शहर विधायक प्रदीप बत्रा और समाजसेविका मनीषा बत्रा द्वारा छात्राओं को प्रदान किए गए पासिंग आउट सर्टिफिकेट

रुड़की । इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट आॅफ फैशन डिजाइन (आईएनआईएफडी) के दीक्षांत समारोह बड़ी धूमधाम से मनाया गया । बतौर मुख्य अतिथि शहर विधायक प्रदीप बत्रा और समाजसेविका मनीषा बत्रा ने इंस्टीट्यूट की छात्राओं को पासिंग आउट सर्टिफिकेट प्रदान किए। शहर विधायक प्रदीप बत्रा ने कहा है कि बाजार की आधुनिकता में डिजाइन और फैशन की विशेष भूमिका है । आज के समय हर व्यक्ति अपने लुक को लेकर इतना सजग हो रहता है कि वह हरदम कुछ ऐसा पहनने की चाह रखता है, जो न सिर्फ दूसरों से अलग हो, बल्कि आपको ट्रैंडी भी दिखाएं। आपकी इस चाहत को पूरा करने का काम करते हैं फैशन डिजाइनर। फैशन डिजाइनर अपने अनोखे आइडिया के बूते ही हर साल मार्केट में कुछ नया लेकर आते हैं। अगर आपके पास भी कपड़े की समझ के साथ−साथ कुछ नया व हटकर करने की चाह है तो आप बतौर फैशन डिजाइनर अपना उज्ज्वल भविष्य बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि चाहे निजी उद्यम शुरू करना हो या कॉलेज में किसी प्रोजेक्ट पर काम करना हो, डिजाइनरों को अपने काम में पर्याप्त आत्मविश्वास रखना चाहिए और जरूरत पड़े तो उस काम को लोगों के सामने रखने की हिम्मत दिखानी चाहिए. जोखिम उठाने का साहस दिखाना एक अंदरूनी गुण है, जिसके बारे में सिर्फ बात ही की जा सकती है, लेकिन उसे फैशन स्कूल में कभी सिखाया नहीं जा सकता है। उन्होंने सभी छात्राओं को बधाई और शुभकामनाएं दी। समाजसेविका मनीषा बत्रा ने कहा है कि एक फैशन डिजाइनर का कार्यक्षेत्र सिर्फ कपड़ों को डिजाइन करने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उसे हर समय इस बात का भी ध्यान रखना होता है कि वर्तमान में ग्लोबली क्या ट्रैंड हैं। साथ ही उसे ध्यान में रखकर हमेशा कुछ नया करने का प्रयास करना होता है। एक फैशन डिजाइनर के कार्यक्षेत्र में कपड़ों को डिजाइन करने के साथ−साथ उसे पूरा करने तक अपना बेस्ट देना होता है। अर्थात कपड़ों की स्टिचिंग के अतिरिक्त टीम के साथ मिलकर समय पर काम पूरा करना भी उसका कार्यक्षेत्र है। इंस्टीट्यूट की डायरेक्टर ऋचा अहलावत ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और कहा है कि फैशन डिजाइनिंग एक ऐसा क्षेत्र है जो अक्सर युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करता है। लेकिन यह जितना ग्लैमरस है, इसमें सफल होने के लिए आपको उतना ही क्रिएटिव होना आवश्यक है। साथ ही इस क्षेत्र में आपकी अलग सोचने की क्षमता के साथ−साथ आपको कपड़ों की बेहतर समझ, सिलाई की बारीकियां और अपने क्लाइंट के हिसाब से कपड़ों को डिजाइन करना आना चाहिए। अर्थात आपको न सिर्फ अपने क्लाइंट की जरूरत को समझना होता है, बल्कि उसे समझकर उसे ऐसे परिणाम देने होते हैं, जिससे आप सफलता की सीढ़ियां चढ़ते चले।
जाएं। उन्होंने कहा कि रूड़की उत्तराखंड का एकमात्र ऐसा इंस्टीट्यूट है। जहां पर नेशनल एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी स्टूडेंट को पार्टिसिपेट करने का मौका मिलता है। 25 स्टूडेंट को पासिंग आउट सर्टिफिकेट दिए गए। दीक्षांत समारोह में मुख्य रूप से कर्नल सतपाल अहलावत, राम अग्रवाल , रमन गोगिया ,अतिन कौशिक, रितु कोशिक, श्रीमती साजिया और मनमीत चड्ढा आदि मौजूद रहे। इंस्टिट्यूट प्रबंधन की ओर से सभी अतिथियों का तिरंगे का पट्टा पहनाकर स्वागत किया गया।

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