महाशिवरात्रि पर सात संयासी अखाड़ों ने पहला शाही स्नान किया, स्नान के लिए हरकी पैड़ी अखाड़ों के संतों पर पुष्पवर्षा भी की गई

हरिद्वार । महाशिवरात्रि पर सात संयासी अखाड़ों ने पहला शाही स्नान किया। आचार्य महामंडलेश्वरों के नेतृत्व अखाड़ों के श्रीमहंत, महंत व नागा संसासी अपनी छावनियों से शाही जुलूस के साथ हर की पैड़ी पहुंचे और बारी बारी से ब्रह्मकुंड पर गंगा स्नान किया। अखाड़ों के लिए तय किए स्नानक्रम के अनुसार सबसे पहले जूना, अग्नि व आह्वान अखाड़े के साथ किन्नर अखाड़ा स्नान के लिए हरकी पैड़ी पहुंचे। इसके बाद निरंजनी व आनन्द अखाड़ा उसके बाद महानिर्वाणी व अटल अखाड़े के संत हरकी पैड़ी पहुंचे।मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने हरकी पैड़ी पहुंचकर स्नान के लिए पहुंचे निरंजनी अखाड़े के संतों को फूलमाला पहनाकर स्वागत कर आशीर्वाद लिया। मुख्यमंत्री बारी बारी से स्नान के लिए हरकी पैड़ी अखाड़ों के संतों पर पुष्पवर्षा भी की । संतों ने मुख्यमंत्री को फूलमाला पहनाकर आशीर्वाद लिया। हरकी पैड़ी की प्रबंधकारिणी संस्था श्रीगंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा, महामंत्री तन्मय वशिष्ठ आदि पदाधिकारियों ने स्नान के लिए पहंुचे सभी संतों का स्वागत किया। गंगा सभा की ओर से संतों के स्वागत के लिए पहुंचे मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का स्वागत किया गया। शाही स्नान का समय शुरू होने पूर्व मेला प्रशासन व पुलिस ने हरकी पैड़ी को पूरी तरह खाली करा लिया गया था। अखाड़ों के हरकी पैड़ी के पहुंचने से पूर्व साफ सफाई करायी गयी। स्नान के लिए शाही जुलुस के रूप में छावनियों से हरकी पैड़ी के लिए रवाना हुए संत महापुरूषों व नागा संयासियों के दर्शन आशीर्वाद के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु रास्तों पर जमा रहे। हालांकि प्रशासन ने आम लोगों के शाही जुलुस में शामिल होने पर पूरी तरह रोक लगा दी थी। किसी को भी जुलुस में शामिल नहीं होन दिया गया। स्नान के लिए जूना, अग्नि, आह्वान व किन्नर अखाड़े के संत मायादेवी मंदिर छावनी से पोस्ट आफिस, अपर रोड़ होते हुए हरकी पैड़ी पहुंचे। जूना अखाड़े के शाही जुलुस की अगुवाई आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज, आह्वान अखाड़े के संतों की अगुवाई आचार्य महामण्डेलश्वर स्वामी स्वामी शिवेंद्र पुरी, अग्नि अखाड़े की अगुवाई आचार्य महामण्डलेश्वर ब्रह्मनिष्ठ स्वामीकृष्णानंद तथा किन्नर अखाड़े की अगुवाई आचार्य महामण्डलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने की। निरंजनी अखाड़े के संतों की अगुवाई आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज व आनन्द अखाड़े की अगुवाई आचार्य महाण्डलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने की। महानिर्वाणी अखाड़े की अगुवाई आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी विशोकानंद गिरी महाराज व अटल अखाड़े की अगुवाई आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती महाराज ने की। निरंजनी अखाड़े के संत तुलसी चैक, शिवमूर्ति, ललतारौ पुल, अपर रोड़ होते हुए हरकी पैड़ी पहुंचे। जबकि महानिर्वाणी अखाड़े के संत कनखल स्थित छावनी से शंकराचार्य चैक, डामकोठी, तुलसी चैक, शिवमूर्ति, ललतारौ पुल, अपर रोड़ होते हुए हरकी पैड़ी पहुंचे।

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