ज्ञान ही शक्ति का स्रोत और नैतिकता उसका पैमाना, आईआईटी रुड़की में पद्मविभूषण डॉ. कस्तूरीरंगन के व्याख्यान से लाभान्वित हुए छात्र

रुड़की । आईआईटी रुड़की के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सभागार में 26 फरवरी की शाम पद्मविभूषण डॉ. कृष्णस्वामी कस्तूरीरंगन के व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस व्याख्यान का शीर्षक “टूवार्ड्स ए 21स्ट सेंचुरी नॉलेज सोसाइटी” था। इस व्याख्यान सत्र में 100 से अधिक छात्रों ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया। डॉ. कस्तूरीरंगन ने 21 वीं सदी के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों के अनुरूप भारत को एक बौद्धिक समाज में बदलने से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि ऐसा समाज आर्थिक विकास और समृद्धि के लिए एक पथ-प्रदर्शक का काम करेगा। “भारत जैसे विशाल और विविधता वाले समाज की प्रगति के लिए ज्ञान बहुत ही आवश्यक है। यह बहुत ही उपयुक्त समय है, क्योंकि नई पीढ़ी ये मानती है कि ज्ञान ही सच्चा धन है और लोगों से साझा करने से इसमें वृद्धि होती है। यह आईआईटी रुड़की के छात्रों और अध्यापकों के साथ एक शानदार शाम थी। मेरे लिए यह सम्मान की बात है कि मुझे 21 वीं सदी के समाज के लीडर बनने जा रहे युवाओं से बात करने का मौका मिला,” डॉ. कस्तूरीरंगन ने कहा कस्तूरीरंगन को वर्तमान केंद्र सरकार द्वारा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मसौदा तैयार करने के लिए गठित समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वर्तमान में, वह इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स (आईयूसीएए), पुणे के गवर्निंग बोर्ड के अध्यक्ष, राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के चांसलर, एनआईआईटी विश्वविद्यालय नीमराना के अध्यक्ष, परमाणु ऊर्जा आयोग के सदस्य, एनआईएएस, बैंगलोर में एमेरिटस प्रोफेसर और इसरो में विशिष्ट सलाहकार के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। साथ ही वे भारत के सभी चार प्रमुख विज्ञान और इंजीनियरिंग अकादमियों के फेलो सहित कई अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय विज्ञान अकादमियों के सदस्य भी हैं।

पर हमसे जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक  करे , साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार ) के अपडेट के लिए हमे पर फॉलो करे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *