बम धमाकों और मिसाइल की गूंज से सहमे हैं स्टूडेंट्स, मैं अंजलि और 50 लड़कियां एक कमरे में हैं

देहरादून/ हल्द्वानी। मैं, अंजलि और 50 लड़कियां एक कमरे में हैं। रात सभी खाना खा रहे थे। तभी एक जोरदार धमाके की आवाज सुनाई दी। हमने जल्दी से खाना खाया और बिस्तर पर लेट गए। लेकिन दहशत में किसी को नींद नहीं आई। यूक्रेन की यह दास्तां मिताली और अंजलि ने अपने स्वजनों को बताई। कहा कि वह सुरक्षित हैं परेशान होने की जरूरत नहीं हैं।
यूक्रेन की राजधानी कीव से पांच किमी दूर पर दमुवाढूंगा निवासी मिताली मेहता और मुखानी निवासी अंजलि श्रीवास्तव रहकर एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। दोनों तृतीय वर्ष की छात्राएं हैं। रामपुर रोड के गुरुनानक कालोनी निवासी विजय चौहान भी इसी शहर पर रहते हैं और चतुर्थ वर्ष के छात्र हैं। तीनों छात्रों की लगातार अपने स्वजनों से बात हो रही है। सभी अपने-अपने कमरों में सुरक्षित हैं। मिताली व अंजलि ने शनिवार को कई बार स्वजनों से बात की। दोनों ने बताया कि उन्हें जैसे ही पता चला कि स्वदेश जाना है तो वह तैयार होकर बैठ गए। खाने-पीने की उन्हें कोई कमी नहीं है लेकिन दहशत से खाने को मन ही नहीं कर रहा।
राजधानी वीक से कुछ दूरी पर खाना खाते समय ही धमाका हुआ। जिसकी आवाज उन्हें सुनाई दी। मिताली के पिता देवेंद्र मेहता ने बताया कि उनकी बेटी साहसी है। वह डरी जरूर है लेकिन हार नहीं मानी है। फोन पर वह उन्हें हर बात से रूबरू करा रही है। वह भी बेटी का हौंसला बढ़ा रहे हैं। उन्हें विश्वास है सरकार जल्द बच्चों को घर लेकर आएगी। वहीं विजय ने पिता से फोन कर कहा कि वह अपने दोस्तों के साथ कमरे में है। जैसे ही स्वदेश आने की परमिशन मिलेगी वह लौट आएगा।
इंद्रानगर की मिताली मलिक भी अपने पिता शाकीर से लगातार बात कर रही है। मिताली ने बताया कि वह अपने कई दोस्तों के साथ सुरक्षित जगह पर है। श्रुति के माता-पिता व्हाट्सएप काल से बेटी से बात कर रहे हैं। श्रुति ने भी अपने पिता को बताया कि कमरे में ही दिन और रात कट रही है। शहर में कफ्र्यू लगा हुआ है।

वीडियो कॉलिंग के जरिए ही पेरेंट्स के संपर्क में है अरीब अंसारी

मंगलौर। मंगलौर कस्बा निवासी अरीब अंसारी पुत्र ज़मीर हसन अंसारी। यूक्रेन में एमबीबीएस का पांचवें वर्ष का छात्र है। अरीब को पांच दिन पहले अपने घर आना था लेकिन इस बीच रूस ने हमला कर दिया और अरीब अंसारी की फ्लाइट रद्द हो गई । अब अरीब अंसारी वीडियो कॉल से अपने परिजनों के संपर्क में है और वह दिन में दो-तीन बार बात कर वहां के हालात और खुद के सुरक्षित होने की जानकारी परिजनों को दे रहे हैं। परिजन उसका हौसला बढ़ा रहे हैं तो वह भी परिजनों से कह रहा है कि आप किसी तरह की चिंता न करें जिस क्षेत्र में मैं रह रहा हूं वहां पर अभी जंग का बहुत अधिक असर नहीं है। पत्रकार जमीर हसन ने बताया कि जब रूस और यूक्रेन में तनातनी हो रही थी तो इसी बीच उन्होंने अपने पुत्र को स्वदेश लौटने के लिए कह दिया था उन्होंने टिकट भी करा लिया था लेकिन इस बीच जंग शुरू हो गई तो उनकी फ्लाइट रद्द हो गई अब वह वीडियो कॉल के जरिए ही उनके संपर्क में है उनके और साथियों से भी परिजनों की बातचीत हो रही है।

पर हमसे जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक  करे , साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार ) के अपडेट के लिए हमे पर फॉलो करे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *