जिला पंचायत हरिद्वार सड़क, नाले, नाली, पुलिया बनाने के साथ ही धरा को हरा-भरा भी करेगी, अध्यक्ष सुभाष वर्मा ने पौधारोपण पर दिया जोर

हरिद्वार । जिला पंचायत अध्यक्ष सुभाष वर्मा ने कहा कि जिला पंचायत सड़क, नाले, नाली, खड़ंजा, पुलिया और अन्य निर्माण कार्य कराने के साथ ही धरा को हरा-भरा भी करेगी। पूरे जिले में पौधारोपण अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने सभी पंचायत प्रतिनिधियों से आग्रह किया है कि वह अपने-अपने क्षेत्र में अधिक से अधिक पौधारोपण करें। जल्द ही पंचायती राज मंत्री अरविंद पांडे हरिद्वार जनपद में पौधारोपण कर अभियान की शुरुआत करेंगे। उन्होंने कहा है कि जब तक आम व्यक्ति पौधारोपण अभियान में रुचि नहीं लेगा। तब तक पर्यावरण स्वच्छ नहीं होगा। उन्होंने किसानों और मजदूरों से फलदार वृक्ष लगाए जाने की अपील की। उन्होंने कहा है कि गांव में तमाम लोगों के पास घर के अलावा घेर की जमीन होती है । कुछ जमीन के टुकड़े खाली पड़े होते हैं । वह उन्हें खाली न रखकर वहां पर पौधे जरूर लगाएं ताकि आगे चलकर यह वृक्ष बन कर उन्हें लाभ पहुंचा सके। जिला पंचायत अध्यक्ष सुभाष वर्मा ने कहा कि फिलहाल जलभराव वाले क्षेत्रों में पानी की निकासी के इंतजाम कराए जा रहे हैं । इस संबंध में ब्लॉक ,तहसील प्रशासन के साथ ही सिंचाई,लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं से कहा गया है कि जलभराव के आशंकित वाले क्षेत्रों में समय रहते पानी की निकासी सुचारू कराई जाए ताकि अधिक बारिश होने पर कहीं पर भी जलभराव की समस्या उत्पन्न न हो। उन्होंने कहा है कि जिन गांवों और बस्तियों में हैंडपंप की आवश्यकता है। वहां पर हैंडपंप भी लगवाए जा रहे हैं। कुछ क्षेत्रों में लोक निर्माण और सिंचाई विभाग के द्वारा क्षतिग्रस्त पुलिया की मरम्मत कराई जा रही है। कुछ जगह नई पुलिया भी बनवाई जा रही हैं। उन्होंने कहा है कि विकास कार्य निरंतर जारी रहेंगे। त्रिवेंद्र सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं व कार्यक्रमों को आम जनता तक पहुंचाने का कार्य जिला पंचायत के द्वारा कराया जा रहा है। इस संबंध में सभी पंचायत प्रतिनिधि सकारात्मक भूमिका निभा रहे हैं। अति पिछड़े क्षेत्रों में विकास कार्य पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जिन क्षेत्रों में जिला पंचायत के द्वारा पूर्व में कुछ कम कार्य कराए गए। उन क्षेत्रों में और ज्यादा काम कराए जाने के प्रयास हो रहे हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष सुभाष वर्मा ने बताया कि जिले में गंगा की सहायक नदियों के तेज बहाव से काफी किसानों की भूमि का कटाव होता है इस संबंध में जहां जहां पर भी जानकारी मिली है वहां पर सिंचाई विभाग के द्वारा बाढ़ सुरक्षा के इंतजाम कराए जा रहे हैं।

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