ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को बनाया नया मंडल, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने की घोषणा, बोले अन्नदाता का रखा ख्याल, जैविक खेती में होगा कमाल
देहरादून । उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण-गैरसैंण में आज गुरुवार को प्रदेश सरकार की ओर से 57 हजार 400 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया है। सैकड़ों लघु उद्योगों पर लॉकडाउन का जख्म अभी तक बरकरार है। करीब-करीब बंदी की कगार पर पहुंच चुके इन उद्योगों और इनमें काम करने वालों को प्रदेश के बजट से मरहम की दरकार है। त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार का यह दूसरा बजट है। त्रिवेंद्र सरकार ने चुनावी वर्ष में पांचवें बजट में अन्नदाता और खेती किसानी का खास ख्याल रखा है। जैविक और कलस्टर आधारित खेती से किसानों की आमदनी बढ़ाने पर बजट में फोकस किया गया। कृषि कर्म एवं अनुसंधान के लिए बजट में 1108 करोड़ की व्यवस्था की गई है। बजट में जमरानी बांध परियोजना के निर्माण के लिए आय-व्यय की मद के लिए 240 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। सीएम ने कहा कि कमिश्नर गैरसैंण में ही बैठेंगे। साथ ही डीआईजी रैंक के एक अफसर भी बैठेंगे। गैरसैंण का मास्टर प्लान एक महीने में तैयार हो जाएगा। साथ ही नई नगर पंचायतों के लिए एक-एक करोड़ रुपये की व्यवस्था होगी। भराड़ीसैण में 20 हजार फलदार वृक्ष लगेंगे। बजट के बाद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को नई कमिश्नी (मंडल) बनाने की घोषणा की। अब प्रदेश में तीन मंडल गढ़वाल, कुमाऊं और गैरसैंण होंगे। गैरसैंण मंडल में बागेश्वर, चमोली, रुद्रप्रयाग और अल्मोड़ा शामिल होंगे। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत आय-व्यय में कुल 153 करोड़ सात लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। वहीं, समग्र शिक्षा अभियान के अन्तर्गत 1154 करोड़ 62 लाख रूपये का प्रावधान प्रस्तावित है। बजट में अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के संचालन के लिए 150 करोड़ का प्रावधान है। चिकित्सा एवं परिवार कल्याण हेतु 3319 करोड़ 63 लाख रुपए काप्रावधान है। बजट में मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के लिए 18 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वहीं, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान और राज्य सेक्टर के अन्तर्गत इस आय व्यय में पंचायत भवनों के निर्माण के लिए 49 करोड़ 86 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। बजट में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में पूंजीगत परिसम्पत्तियों के सृजन के लिए 954 करोड़ 75 लाख रुपये और भूमि क्रय के लिए 129 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वहीं, मुजफ्फरनगर रेल लाइन निर्माण परियोजना के लिए 70 करोड़ रुपये की धनराशि का प्रावधान किया गया है।
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