सावन की शिवरात्रि का बड़ा महत्व, व्रत रखने वालों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं, मनोवांछित फल पाने के लिए यह व्रत अति पावन है, इस मुहूर्त में विधि अनुसार चढ़ाएं शिवजी को जल, मिलेंगे कई लाभ

रुड़की । सावन शिवरात्रि 19 जुलाई, रविवार को है। हर साल सावन शिवरात्रि श्रावण माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को सावन शिवरात्रि पड़ती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सावन की शिवरात्रि का बड़ा ही महत्व है क्योंकि इसमें व्रत रखने वालों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। मनोवांछित फल पाने के लिए यह व्रत अति पावन है। साथ ही दांपत्य जीवन में प्रेम और सुख शांति बनाए रखने के लिए भी व्रत लाभकारी है।
शिवरात्रि पूजा मुहूर्त
चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ – जुलाई 19, 2020 को 12:41 AM बजे
चतुर्दशी तिथि समाप्त – जुलाई 20, 2020 को 12:10 AM बजे
निशिता काल पूजा समय – 12:07 AM से 12:10 AM बजे
सावन शिवरात्रि में शिव पूजन का लाभ
सावन शिवरात्रि के व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। इस दिन व्रत रखने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। सावन शिवरात्रि के दिन व्रत रखने से क्रोध, ईष्र्या, अभिमान और लोभ से मुक्ति मिलती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन शिवरात्रि का व्रत कुंवारी कन्याओं के लिए श्रेष्ठ माना गया है। यह व्रत करने से उन्हें मनचाहा वर प्राप्त होता है। वहीं जिन कन्याओं के विवाह में समस्याएं आ रही हैं उन्हें सावन शिवरात्रि का व्रत करना चाहिए। शिव पूजा से सेहत पर सकारात्मक असर पड़ता है। जीवन में खुशियां आती हैं और धन धान्य की वृद्धि होती है।
सावन शिवरात्रि पूजा विधि
सावन शिवरात्रि के दिन सुबह स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीप जलाएं।
अगर आपके घर में शिवलिंग है तो शिवलिंग का गंगा जल से अभिषेक करें।
गंगा जल न होने पर आप साफ पानी से भी भोले बाबा का अभिषेक कर सकते हैं।
जिनके घर में शिवलिंग नहीं है वो भोले बाबा का ध्यान करें।
भगवान शिव की आरती करें।
भगवान शिव के साथ माता पार्वती की आरती भी करें।
इस दिन अपनी इच्छानुसार भगवान शंकर को भोग लगाएं।
भगवान को सात्विक आहार का ही भोग लगाएं।
भोग में कुछ मीठा भी शामिल करें।

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