यूपी-उत्तराखंड बॉर्डर एरिया सील, करीब पांच हजार वाहनों को लौटाया, इस बार सावन माह में नहीं होंगे नीलकंठ के दर्शन, पैम्फ्लेट लेकर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा रवाना हुए पुलिस कर्मी

हरिद्वार । कोरोना के चलते इस साल उत्तर भारत की सबसे बड़ी आध्यात्मिक कांवड़ यात्रा स्थगित कर दी गई है। रविवार को गुरु पूर्णिमा के दिन भी पुलिस ने उत्तराखंड और यूपी की सीमाओं पर सख्ती का रिहर्सल किया। हरिद्वार आने वाले हजारों लोगों को राज्य में प्रवेश नहीं करने दिया गया। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर हरिद्वार रुड़की और ऋषिकेश में अपने गुरुजनों की पूजा कर उनसे आशीर्वाद लेने आए करीब पांच हजार वाहनों को पुलिस ने बॉर्डर से ही लौटा दिया। रविवार को गुरु पूर्णिमा का पर्व होने के चलते सुबह से ही रुड़की, हरिद्वार और ऋषिकेश आदि स्थानों पर स्थित आश्रमों और अखाड़ों में जाने वालों की भारी भीड़ बॉर्डर पर उमड़ने लगी थी। गुरु पूर्णिमा पर हर साल देश के विभिन्न राज्यों से श्रद्धालुओं का हरिद्वार आवागमन होता है जो गंगा स्नान करने के साथ ही विभिन्न आश्रमों में पहुंचकर अपने गुरु की पूजा करने के साथ ही उनसे आशीर्वाद भी प्राप्त करते हैं, लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते पुलिस ने सुबह से ही सख्ती कर दी थी। पुलिस प्रशासन ने उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बॉर्डर आज से ही पीएसी के हवाले कर दिए हैं। भगवानपुर में मंडावर और मंगलौर में नारसन और लक्सर में पुरकाजी और बालावाली का बॉर्डर सील कर दिया गया है। सभी रास्तों पर पुलिस तैनात कर दी गई है। साथ ही अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात किया गया है। एसपी देहात एसके सिंह ने बताया कि सभी को सख्त हिदायत दी गई है कि किसी भी सूरत में कोई भी कांवड़िया उत्तराखंड में प्रवेश न करने पाए।

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