रेखा गणित ही प्राचीन गणित का आधार है, इस युग में गणित का भारत में हुआ अधिक विकास: प्रोफेसर नरेंद्र सिंह, एस एम जे एन पीजी कालेज के गणित संकाय द्वारा वेबीनार का आयोजन

हरिद्वार । एस एम जे एन पीजी कालेज के गणित संकाय द्वारा पुरातन भारतीय गणित का वर्तमान परिप्रेक्ष्य में विविध प्रसंगो पर एक वेबीनार का आयोजन किया गया आयोजन में इस वेबीनार में मुख्य अतिथि प्रोफेसर नरेंद्र सिंह तकनीकी सलाहकार मुख्यमंत्री उत्तराखंड एवं गेस्ट ऑफ ऑनर प्रोफेसर केडी पुरोहित सलाहकार उच्चतर शिक्षा सेवाअभियान उत्तराखंड रहे सर्वप्रथम वेबीनार को संबोधित करते हुए कॉलेज के प्राचार्य एवं वेबीनार के निदेशक डॉ सुनील कुमार बत्रा ने आज के मुख्य अतिथि एवं गेस्ट ऑफ ऑनर का परिचय प्रतिभागियों से कराया। मुख्य अतिथि प्रोफेसर नरेंद्र सिंह (तकनीकी सलाहकार मुख्यमंत्री उत्तराखंड )द्वारा वैदिक गणित एवं भारतीय संस्कृति में विज्ञान तथा गणित के महत्व को इंगित करते हुए शुल्ब सूत्र एवं दशमलव पद्धति के संदर्भ में अपने विचार व्यक्त किए। डॉ सिंह ने कहा की रेखा गणित ही प्राचीन गणित का आधार है । इस युग में गणित का भारत में अधिक विकास हुआ। इसी युग में बोधायन शुल्व सूत्र की खोज हुई जिसे हम आज पाइथागोरस प्रमेय के नाम से जानते है। प्रोफेसर केडी पुरोहित के द्वारा वेबीनार को संबोधित करते हुए डॉक्टर नरेंद्र पुरी (रुड़की) को इस अवसर पर याद किया । डॉ के डी पुरोहित ने कहा की मध्य काल ही भारतीय गणित का स्वर्ण काल।आर्यभट्ट, श्रीधराचार्य, महावीराचार्य आदि श्रेष्ठ गणितज्ञ इस काल में ही हुए। वेबिनार के मुख्य वक्ता प्रोफेसर एस जी दानी अपने विचारों को व्यक्त करते हुए बताया की प्राचीन गणित में ज्योतिष विद्या जिसमें समकोण को 24 भागों में बांटना की भूमिका का महत्व फर्मेट थ्योरम आदि कई तथ्यों पर प्रकाश डाला । उन्होंने बताया कि गणितज्ञ नीलकण्ठ  ने सिन आर का मान निकालने का सूत्र दिया जिसे हम अब ग्रेगरी श्रेणी के नाम से जानते हैं। इस अवसर पर डॉक्टर ओम श्रीवास्तव पीजी कॉलेज नंदगांव छत्तीसगढ़ थे उन्होंने बहुत सारे प्राचीन गणितज्ञ का विश्लेषणात्मक अध्ययन किया उन्होंने वास्तु शास्त्र पर भी प्रकाश डाला ईसा से 400 वर्ष पूर्व से लेकर 1100वर्ष तक के भारतीय गणितज्ञ द्वारा ढूंढे जा चुके सत्य को आधुनिक गणित के सिद्धांतों से जोड़ा इस अवसर पर भारत के अलग-अलग विश्वविद्यालय जैसे आईटीआई रुड़की , मुम्बई,चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ ,भिलाई ,आंध्र प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड आदि से विभिन्न प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया। आज के इस कार्यक्रम में वैज्ञानिक सलाहकार डॉ हेमवती नन्दन एवं डॉ निधि होंडा के द्वारा इस वेबिनार के सफल आयोजन में सहयोग के लिए प्राचार्य द्वारा आभार व्यक्त किया गया। कार्यक्रम तथा इस वेबिनार की आयोजक सचिव डॉ पद्मावती तनेजा एवं सह आयोजक सचिव वैभव बत्रा ने सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का इस वेबीनार में प्रतिभाग करने हेतु आभार व्यक्त किया उन्होंने कहा कि इस तरह के वेबीनार आगे भी आयोजित किए जाएंगे।इस अवसर पर डॉक्टर नरेश कुमार गर्ग डॉक्टर संजय माहेश्वरी, जेसी आर्या डॉक्टर सरस्वती पाठक आदि ने सफल आयोजन के लिए आयोजकों को बधाई प्रेषित की।

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