क्यों होती है गंजेपन की समस्या, जानिये इसकी वजह और बचाव के तरीके

उम्र बढ़ने के साथ बॉडी में कई तरह के बदलाव आते हैं। उम्र का असर बालों पर भी देखने को मिलता है। अक्सर उम्र बढ़ने के साथ महिला और पुरुष, दोनों के बाल कम होने लगते हैं। लेकिन आजकल उम्र से पहले ही लोग गंजापन के शिकार हो रहे हैं। बालों का झड़ना या फिर गंजापन के कई कारण हैं- जैसे बढ़ता प्रदूषण, खराब खान-पान और तनाव। इससे बाल उम्र से पहले ही गिरने लगते हैं।चर्चित हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन और स्किन केयर क्लिनिक के संस्थापक डॉ. बीएल जांगिड़ के मुताबिक गंजापन उम्र के साथ होना आम बात है। गंजेपन के लिए फैमिली हिस्ट्री भी मायने रखती है। वह कहते हैं कि महिलाओं और पुरुषों में गंजापन की समस्या उनके काम करने की गुणवत्ता और उनके मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है। आप भी अपने गिरते बालों से या फिर गंजेपन से परेशान हैं तो हेयर एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।

पुरुषों और महिलाओं में गंजापन: अक्सर 50 साल की उम्र के बाद पुरुषों के बाल गिरने या फिर गंजेपन की शिकायत होती है, जबकि महिलाओं में मीनोपॉज के बाद बाल गिरने की समस्या होती है। इस दौरान महिलाएं पूरी तरह से गंजी नहीं होती लेकिन वो बालों के पतले होने की शिकायत करती हैं। बाल पतले होने से उनकी स्कैल्प दिखने लगती है। बालों का झड़ना या बालों का गिरना एंड्रोजन हार्मोन के कारण होता है। एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया (एजीए) में बालों के झड़ने के लक्षण बहुत स्पष्ट नहीं होते हैं।

गंजेपन के प्रकार: बालों का झड़ना मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है

सिकाट्रिकियल एलोपेसिया: सिकाट्रिकियल एलोपेसिया जिनमें त्वचा पर दाग-धब्बे होते हैं और बाल हमेशा के लिए खत्म हो जाते हैं। बाल हमेशा के लिए खत्म होने का सबसे मुख्य कारण लाइकेन प्लेनोपिलारिस,जलन, संक्रमण और जन्मजात स्थितियां मायने रखती हैं।

नॉन-सिकाट्रिकियल एलोपेसिया: नॉन-सिकाट्रिकियल एलोपेसिया में बालों का गंजापन दूर हो जाता है। बालों के झड़ने से स्कैल्प पर किसी तरह के निशान नहीं आते।

पुरुषों में गंजेपन के प्रकार

एलोपेशिया एरीटा – छोटे गोल आकार के गंजेपन के धब्बे।
ट्रैक्शन एलोपेसिया – अलग-अलग हेयर स्टाइल में बालों को बनाने से भी बाल झड़ सकते हैं।
टिनिया कैपिटिस – एक फंगल संक्रमण।

महिलाओं में गंजेपन के प्रकार:

एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया में स्कैल्प के सभी हिस्सों पर बालों का पतला होना।


टेलोजन इफलूवीएम – यह बच्चे के जन्म, अत्यधिक तनाव, बड़े संक्रमण जैसे कारणों की वजह से होता है।


एनाजेन एफ्लुवियम – यह कीमोथेरेपी के कारण हो सकता है।


एलोपेसिया एरीटा – यह इम्युन सिस्टम में इंफ्लामेट्री रिएक्शन होने के कारण होता है।


ट्रैक्शन एलोपेसिया – बालों को स्टाइल करने की वजह से बालों के रोम में खिंचाव के कारण होता है।आप भी बालों में गंजेपन से परेशान हैं तो सबसे पहले बालों के कम होने का कारण जानिए और हेयर एक्सपर्ट से उसका उपचार कराएं।


गंजेपन की जांच कैसे कराएं: इस परेशानी का उपचार कराने के लिए सबसे पहले जांच कराना जरूरी है। इसकी जांच के लिए विभिन्न परीक्षण उपलब्ध हैं जैसे ट्राइकोग्रामा, ट्राइकोस्कोपी, हार्मोनल स्तर और स्कैल्प बायोप्सी। यह सभी टेस्ट बालों की समस्या का निदान करने में मदद करते हैं।

गंजेपन से बचाव कैसे करें:

गंजेपन से बचाव करने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव करें।
स्कैल्प की मसाज करें। मसाज करने से बालों को पोषण मिलेगा और बाल जल्दी आ सकते हैं।
अच्छी डाइट लें। बैलेंस डाइट आपके बालों का भी उपचार करती है।
तनाव से दूर रहें। तनाव ना सिर्फ आपको गंजा बनाता है बल्कि आपके बालों के सफेद होने और गिरने का भी कारण है।

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