रुड़की । जिला सहकारी बैंक हरिद्वार के पूर्व चेयरमैन व भाजपा नेता के विरुद्ध जमीन के नाम पर 54 लाख की धोखाधड़ी व बैंक में लिपिक की नौकरी लगाने के नाम पर सात लाख रुपये की ठगी करने के आरोप में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। डीसीबी के ही पूर्व निदेशक की तहरीर पर झबरेड़ा थाना पुलिस ने यह मुकदमा दर्ज किया। साथ ही मामले की जांच शुरू कर दी है। डीसीबी के पूर्व निदेशक अशोक वर्मा ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि वर्ष 2017-18 के दौरान डीसीबी हरिद्वार के तत्कालीन चेयरमैन रहे सुशील चौधरी से उनके घनिष्ठ संबंध थे। जून 2017 में उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति को जमीन चाहिए उनकी नजर में एक जमीन है। यदि पहले वह उसे खरीद लेते हैं तो बाद में काफी मुनाफा होगा। इस पर वह तैयार हो गए। इसके बाद डीसीबी चेयरमैन ने एक करोड़ रुपये का इंतजाम करने को कहा। इसके बाद उसने अपनी पत्नी के पैतृक गहनों को बेच दिया। इसके अलावा रिश्तेदारों आदि से रुपये लेकर सुशील चौधरी को दो बारमें 25-25 लाख एवं एक बार में चार लाख रुपये दिए, बाकी की रकम का वह इंतजाम नहीं कर सका। इसके बाद डीसीबी चेयरमैन ने उसे दो-तीन महीने के बाद इतनी ही रकम को 20 प्रतिशत मुनाफे के साथ लौटाने का भरोसा दिया। डीसीबी चेयरमैन ने उसे बताया कि जिला हरिद्वार की कई सहकारी समितियों में उनको लेखाकार व बाबू की नियुक्तियां करवानी हैं। यदि आपका कोई परिचित हो तो उसकी नौकरी लग जाएगी। इसके लिए 10 लाख रुपये लिए जा रहे हैं, लेकिन आपसे सिर्फ आठ लाख लिए जाएंगे। इसी बीच उनके मित्र के बेटे की नौकरी के संबंध में वार्ता की तो सात लाख रुपये दे दिए, लेकिन उनके मित्र के बेटे की नौकरी नहीं लगी।
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