गर्मियों के दिनों में अधिकतर लोग खाना खाने के बाद उसे पचाने के लिए छाछ या लस्सी पीते हैं. कई घरों में लंच और डिनर के बाद इसे पीने की व्यवस्था भी की जाती है. इससे पाचन तंत्र को फायदा मिलता है, साथ ही शरीर तंदुरुस्त और मूड भी बेहतर होता है. छाछ के मसालों के साथ-साथ नमक, पुदीने की चटनी और काला नमक या साधारण नमक आदि भी मिलाया जाता है. लेकिन कुछ डाइटिशियन इसकी सलाह नहीं देते हैं, क्योंकि नमक मिलाकर छाछ पीने से पेट को अधिक तकलीफ हो सकती है और सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है. इसलिए, छाछ में नमक नहीं मिलाना चाहिए.
डायटिशियन और न्यूट्रिशन एक्सपर्ट किरण कुकरेजा बताती हैं कि छाछ या मट्ठा में नमक मिलाकर पीने से सेहत को नुकसान पहुंचता है. दरअसल, नमक वाले छाछ से पेट पर बुरा असर पड़ता है. उनके अनुसार, दही आमतौर पर प्रोबायोटिक्स से भरपूर होती है, जो हमारे शरीर के लिए बहुत लाभदायक होती है. यह गुण दही के अलावा उससे बनी छाछ और लस्सी में भी पाए जाते हैं. हालांकि, जब छाछ में समुद्री नमक मिलाया जाता है तो यह प्रोबायोटिक्स की सक्रियता और उनके प्रभाव को कम कर देता है. इसलिए, नमक मिली छाछ का सेवन करने से शरीर को ज्यादा फायदे नहीं होते हैं. साधारणतः सफेद नमक या समुद्री नमक मिलाने के बाद छाछ में मौजूद बैक्टीरिया धीरे-धीरे कम होने लगते हैं और वे मर भी जाते हैं. इसी कारण नमक वाली छाछ पीने से शरीर में पानी का स्तर बनाए रखना मुश्किल हो जाता है और डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है.
छाछ पीने का सही तरीका क्या है?
छाछ पीने के सही तरीके में सबसे पहले यह जानना जरूरी होता है कि छाछ कितना ठंडा होना चाहिए. ठंडा छाछ पीने से अधिक शीतलता महसूस होती है और उसे पीने में मजा नहीं आता है. सामान्यतया छाछ को ठंडा होने दें, लेकिन यदि गर्मियों में छाछ बहुत ठंडा होता है तो इसे धीरे-धीरे ठंडा करें. इसके अलावा, छाछ के साथ कुछ फूड जैसे कच्ची सब्जी, सलाद या फल खाना सेहत के लिए अधिक अच्छा होता है. यह फूड छाछ के साथ पचन शक्ति को बढ़ाते हैं और शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं.. वहीं, छाछ को धीरे-धीरे पीते रहें और जल्दी-जल्दी नहीं पीएं. इसे खाने के पाचन के समय अंतर कम होता है और आपके शरीर को भी फायदा होता है.
Leave a Reply