देहरादून । भाजपा से निष्कासित पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत की कांग्रेस में एंट्री से पहले ही विरोध शुरू हो गया है। केदारनाथ विधायक मनोज रावत के बाद राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने भी हरक को पार्टी में नहीं लिए जाने की बात कही है। पत्रकारों से बातचीत में सांसद प्रदीप टम्टा ने कहा कि जो लोग आज हरक सिंह रावत को पार्टी में शामिल किए जाने की पैरवी कर रहे हैं, शायद वह वर्ष 2016 की घटना को भूल गए हैं, जब षड़यंत्र के तहत लोकतंत्र की हत्या की गई थी। इस साजिश के शामिल डॉ. हरक सिंह रावत ने पांच साल सरकार में रहकर कभी भाजपा की गलत नीतियों की आलोचना नहीं की। लेकिन अब जब उन्हें पार्टी ने निकाल दिया है, तब उन्हें फिर कांग्रेस याद आ रही है। वह जानते हैं कि इस बार राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है। इसलिए कांग्रेस पार्टी का रुख करना चाहते हैं। हम जनता को क्या जवाब देंगे। टम्टा ने कहा कि उनका व्यक्तिगत मत है कि ऐसे दलबदलू लोगों को पार्टी से दूर रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से इस तरह की जोड़तोड़ में विश्वास नहीं करते हैं। बावजूद इसके यदि शीर्ष नेतृत्व हरक सिंह को पार्टी में लेने का निर्णय लेता है, तो हम पार्टी से बाहर नहीं जाएंगे। पार्टी को भी निर्णय लेते समय 2016 में हुए अपराध का संज्ञान लेना चाहिए। माफी मांग लेने भर से कुछ नहीं हो जाता। इसकी क्या गारंटी है कि उन्होंने (हरक सिंह) जो पहले किया है, उसे फिर से नहीं दोहराएंगे।
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