रुड़की । भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की ने 1998 बैच (1999 वास्तुकल में स्नातक सहित) की सिल्वर जुबली रीयूनियन के साथ एक ऐतिहासिक अवसर मनाया, जो 17 नवंबर से 19 नवंबर, 2023 तक मनाया गया। आयोजन का सार, साहचर्य, पुरानी स्मृतियाँ एवं उत्कृष्टता के प्रति एक महत्वपूर्ण प्रतिबद्धता रहा। पूर्व छात्रों एवं उनके प्रिय परिवार के सदस्यों सहित लगभग 210 सदस्य इस प्रतिष्ठित संस्थान में अपनी साझा यात्रा का उत्सव मनाने के लिए एकत्र हुए।
पुनर्मिलन के दौरान, 1998 बैच ने लगभग 1 करोड़ रुपये से अधिक का असाधारण दान देकर अपनी प्रिय अल्मा मेटर के प्रति अपना अटूट समर्पण प्रदर्शित किया। उदार दान भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की के राजेंद्र भवन में बुनियादी ढांचे के विकास व सुविधाओं के समग्र सुधार दोनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इस उल्लेखनीय भाव को स्वीकार करते हुए प्रोफेसर के.के. पंत, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की के निदेशक ने कहा, “हमारे पूर्व छात्रों एवं हमारे संस्थान के बीच स्थायी संबंध ताकत के एक शक्तिशाली स्रोत के रूप में कार्य करता है। हम अपने पूर्व छात्रों को उनके निरंतर समर्थन के लिए तहे दिल से धन्यवाद देते हैं, जो हमें अधिक ऊंचाई हासिल करने और दुनिया पर सकारात्मक प्रभाव डालने में सक्षम बनाता है।”
संसाधन एवं पूर्व छात्र मामले के कुलशासक प्रोफेसर आर डी गर्ग ने आभार व्यक्त करते हुए कहा, “हमारे अल्मा मेटर के प्रति हमारे पूर्व छात्रों का समर्पण, साथ ही उनका उदार दान, हमारे छात्रों की भविष्य की सफलता और नवाचार के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है।”
पुनर्मिलन ने पूर्व छात्रों को फिर से जुड़ने, स्मृति ताज़ा करने और अपनी सफलताओं एवं अनुभवों को अपने साथियों के साथ साझा करने के लिए एक मंच प्रदान किया। 1998 बैच (1999 वास्तुकला में स्नातक सहित) ने अपने असाधारण योगदान से, उनके जीवन पर आईआईटी रूड़की के स्थायी प्रभाव और वापस देने की उनकी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम ने न केवल भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की में बने संबंधों का उत्सव मनाया, बल्कि संस्थान के भविष्य पर पूर्व छात्रों के गहरे प्रभाव का भी प्रदर्शन किया। 1998 (1999 वास्तुकला में स्नातक सहित) बैच की उदारता व समर्पण वापस देने की भावना व आईआईटी रूड़की की स्थायी विरासत का उदाहरण है।
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