भगवानपुर । गन्ने की फसल में पोका बोइंग रोग का प्रकोप शुरू हो गया है, जिससे किसानों की मुश्किलें बढ़ गई है। गन्ने की फसल में फफूंद से फैलने वाला रोग पोका बोइंग की शुरुआत हो चुकी है। पोका बोइंग रोग नई प्रजातियों, जिनकी पत्तियां काफी चौड़ी होती हैं, उनको अधिक प्रभावित कर रहा है। खेतीबाड़ी के जानकर सागर चौहान ने बताया कि इस रोग का लक्षण ऊपर की पत्तियों में साफ तौर पर दिखाई पड़ता है। इसमें पत्तियां मुड़ने लगती है और एक दूसरे से लिपट कर चाबुक की जैसी आकृति बना लेती हैं। अधिक देर तक प्रभाव रहने के कारण पौधे की चोटी में पत्तियां अविकसित रह जाती हैं।
जिसके कारण गन्ने की लंबाई नहीं बढ़ पाती और उत्पादन में काफी कमी आ जाती है। रोग की रोकथाम के लिए किसान किसी एक कवकनाशी का छिड़काव रोग के प्रथम लक्षण दिखाई देने पर ही कर दें। कॉपर ऑक्सिक्लोराइड ढाई ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी, थायोफिनेटमिथाइल एक ग्राम प्रति लीटर कार्बेंडाजिम दो ग्राम प्रति लीटर या डाएथेन एम 45 की 3 ग्राम दवा प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर स्प्रे कर दें। यह स्प्रे 10 से 15 दिन के बाद पुन: दोहराया जा सकता है।
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