देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीते वर्ष राज्य सरकार ने पहली कैबिनेट बैठक में अपने वादे के अनुरूप राज्य में “यूनिफॉर्म सिविल कोड“ लागू करने हेतु उच्च स्तरीय कमेटी गठित करने का कार्य किया। फाइनल ड्राफ्ट के आधार पर समान नागरिक संहिता प्रदेश में लागू किया जाएगा। समान नागरिक संहिता कानून असमान निष्ठाओं को दूर करके प्रदेश में सामाजिक समानता की सार्थकता को सिद्ध करेगा। उन्होंने कहा इसके साथ ही वर्ष 2022 में राज्य सरकार ने उत्तराखण्ड में दो ऐतिहासिक विधेयक विधानसभा में पास किए हैं। उत्तराखण्ड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2022 के पास होने के बाद प्रदेश में धर्मान्तरण को लेकर कठोर कानून का प्रविधान हो गया है। इसके अलावा उत्तराखण्ड लोकसेवा (महिलाओं के क्षैतिज आरक्षण हेतु) विधेयक 2022 से प्रदेश में महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था एकबार फिर से लागू हो जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आगामी वर्ष 2023 में हम राज्य में समान नागरिक संहिता को लागू करने पर निर्णय लेंगे। साथ ही महिला सशक्तिकरण के लिए महिला नीति, पलायन की रोकथाम हेतु आगामी योजना, 1 जिला 2 उत्पाद योजना को गति प्रदान करने के साथ सीमांत क्षेत्रों में हवाई सेवाओं का विस्तार, आपदा प्रबंधन तंत्र को मजबूत किए जाने, सीमांत गांव को बसाने हेतु संपूर्ण विकास, केदारनाथ पुनर्निर्माण के दूसरे चरण में 180 करोड़ के कार्य, बद्रीनाथ में मास्टर प्लान के अंतर्गत कार्य में तेजी, दून-मसूरी रोपवे, खरसाली से यमुनोत्री रोपवे का निर्माण, मानसखंड योजना के तहत कुमाऊं क्षेत्र के ऐतिहासिक मंदिरों में सुविधाओं का विकास, पिथौरागढ़ के लिए 20 सीटर एयरक्राफ्ट की सेवा शुरुआत, प्रथम एवं सीमांत गांव में मंत्रिमंडल की बैठक, स्वास्थ्य-शिक्षा व रोजगार-स्वरोजगार पर कार्य, गंगा समेत अन्य नदियों की स्वच्छता के साथ ही विकास के अन्य कई कार्य किए जाएंगे। उन्होंने कहा उत्तराखंड को वर्ष 2025 तक सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लक्ष्य के साथ प्रदेश सरकार जन अपेक्षाओं पर पूरी तरह खरी उतरने के लिए संकल्पबद्ध हैं। हम सभी मिलकर प्रदेश के समग्र विकास में अपना शत् प्रतिशत योगदान देने के लिए संकल्पित हो, एवं समृद्ध और आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड का निर्माण करें।
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