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सुंदर गीत, लड़कियां, तितलियां, बिजलिया, सुनाकर श्रोताओ को मंत्रमुग्ध किया, कवि डॉ विनय प्रताप सिंह की पुस्तक, काव्याक्षत का हुआ भव्य लोकार्पण

रुड़की। नगर के एक होटल में,नगर के प्रसिद्ध कवि,डॉ विनय प्रताप सिंह,द्वारा रचित काव्याक्षत का लोकार्पण, सुविख्यात कवि स्व0,डॉ उर्मिलेश शंखधार, के जन्म दिवस के अवसर पर,राष्ट्रीय कवि व पूर्व सांसद , फिरोजाबाद,प्रो0 ओम पाल सिंह,निडर,व सुविख्यात कवयित्री,व लेखिका,डॉ, सोनरूपा,बदायू,के कर कमलों द्वारा किया गया।श्री विनय प्रताप,ने अपनी इस पुस्तक का विमोचन अपने साहित्यिक गुरु,डॉ उर्मिलेश के जन्मदिन पर उनका पावन स्मरण किया।मुख्य अतिथि के रूप में पहुची,डॉ सोनरूपा विशाल,मंच पर रुड़की के कवियों द्वारा अपना भव्य स्वागत होता देखकर गदगद हो गयी। उन्होंने मुक्त कंठ से आयोजको की प्रशंसा की तथा पुस्तक के रचयिता, डॉ विनय को शुभकामनाएं दी।तथा ,अपने सुंदर गीत,,लड़कियां, तितलियां, बिजलिया,सुनकर श्रोताओ को मंत्रमुग्ध कर दिया।लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता कर रहे,देश के सुप्रसिद्ध कवि,पूर्व सांसद,प्रो0 ओमपाल सिंह निडर,ने देश की वर्तमान समस्याओ की और ध्यान आकृष्ट करते हुए कवियों को कहा,जब देश संकट में हो,संस्कृति पर आघात तो कवियों को राग,रंग छोड़कर,लेखनी की धार पैनी करते हुए राष्ट्रीय भावनाओ से ओत प्रोत ओज पूर्ण,कविताए लिखनी चाहिए।कार्यक्रम का संचालन करते हुए कवि किसलय क्रांतिकारी, ने श्री ,निडर,के सम्मान में ,,पंक्तिया पढ़ी,,कि यदि आग उगलती भट्टी हो तो,सोना भी गल जाता है।और स्वाभिमान को ठेश लगे,तो वीरो का खून खोल जाता है।।इस अवसर पर,कार्यक्रम के आयोजक,सयोजक,डॉ विनय प्रताप,ने अपने गुरु श्री उर्मिलेश जी की कविताओं से व देशभक्ति की कविता सुनाकर,, गाएंगे,गाएंगे,हम वन्देमातरम, से श्रोताओं में एक नई उमंग,व उत्साह का संचार किया।तथा सभी का आभार व्यक्त किया।कार्यक्रम का शुभारंभ, माँ सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलन कर किया गया ।नगर की कवयित्री,डॉ घनशाला ने सरस्वती वंदना से कार्यक्रम का आगाज किया।कवयित्री व शिक्षाविद,डॉ शालिनी जोशी पन्त,ने कवि,व पुस्तक परिचय,का दायित्व बखूबी सम्भाला।इस अवसर पर देश के बड़े कवि,डॉ जय प्रकाश मिश्रा, गाज़ियाबाद,, टिल्लन वर्मा,बदायू,सहित नगर के गणमान्य,साहित्यकार, कवि,शिक्षाविद, समाजसेवी,नरेश,राजवंशी,डॉ, मधुराका सक्सेना,डॉ, पी,के,गुप्ता,सुबोध,पुंडीर,सरित,डॉ पूर्णिमा,श्रीवास्तव,हरिप्रकाश,खामोश,प्रो0 देवेंद्र,प्रताप,सैनी,शिल्पा,सजल,पंकज,गर्ग,कृष्ण,सुकुमार,महावीर,वीर,अजय त्यागी,राजकुमार,उपाध्याय,डी, के,वर्मा, देवेंद्र,देव,हाकम सिंह,आर्य,रोहताश,आर्य,जयदेव,आर्य,राजीव आर्य,कविता सैनी,अक्षत,नीलाक्षी,मानवी,विपिन कुमार,शौर्य,मयंक,सौ सिंह,पंकज त्यागी,असीम,अनिल अमरोही,कुमार,राम,योगाचार्य, प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।संचालन, किसलय क्रांतिकारी ने किया।

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