पीने के जल की गुणवत्ता सुनिश्चित करना समय की आवश्यकता: त्रिवेन्द्र सिंह रावत

देहरादून । हरिद्वार सांसद एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आज देहरादून स्थित एक स्थानीय होटल में भारतीय मानक ब्यूरो (BIS), उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा आयोजित “मानक मंथन” कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।

कार्यक्रम में पीने के प्रयोजनों हेतु रिवर्स ऑस्मोसिस (RO) आधारित पॉइंट-ऑफ-यूज़ (PoU) जल उपचार प्रणाली विनिर्देशन के प्रथम संशोधन से संबंधित विषय पर विस्तारपूर्वक चर्चा हुई। इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए श्री रावत ने कहा कि जल जीवन का आधार है और पीने योग्य जल की गुणवत्ता पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा बनाए जा रहे मानक न केवल उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य-सुरक्षा के लिए अनिवार्य हैं, बल्कि समाज को शुद्ध एवं सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।

श्री रावत ने कहा कि आज जलवायु परिवर्तन, औद्योगिक अपशिष्ट और बढ़ते प्रदूषण के कारण शुद्ध पेयजल की उपलब्धता बड़ी चुनौती बन गई है। ऐसे में आधुनिक जल शोधन प्रणालियों का मानकीकरण एवं इनके वैज्ञानिक उपयोग को बढ़ावा देना समय की आवश्यकता है। यह पहल निश्चित ही उपभोक्ताओं का विश्वास और अधिक मजबूत करेगी तथा पूरे देश में पीने के जल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने में सहायक सिद्ध होगी।

इस अवसर पर श्रीमती स्नेहलता जी – उपनिदेशक, भारतीय मानक ब्यूरो (उत्तर क्षेत्रीय कार्यालय, चंडीगढ़), श्री सौरभ तिवारी जी – निदेशक एवं प्रमुख, भारतीय मानक ब्यूरो (देहरादून), श्री ताजबर सिंह जी – अपर आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, श्री गणेश चंद्र कंडवाल जी – उपआयुक्त (मुख्यालय), उद्योग प्रतिनिधि, विद्यार्थीगण एवं विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।

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