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महाशिवरात्रि आज, जानिए शुभ मुहूर्त, 4 पहर की पूजा का समय, मंत्र और पूजन विधि

हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि के त्योहार को काफी खास माना जाता है. महाशिवरात्रि का त्योहार फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन मनाया जाता है. माना जाता है कि महाशिवरात्रि के ही दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और पत्नी पार्वती की पूजा होती हैं. साल में होने वाली 12 शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. इस साल महाशिवरात्रि का त्योहार आज 18 फरवरी 2023 को मनाया जा रहा है.

महाशिवरात्रि शुभ मुहूर्त

निशिता काल पूजा समय – 18 फरवरी, रात 11 बजकर 52 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट तक

रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय – 18 फरवरी, शाम 6 बजकर 40 मिनट से लेकररात 09 बजकर 46 मिनट तक

रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय -रात 09 बजकर 46 मिनट से रात 12 बजकर 52 मिनट तक

रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय – 19 फरवरी, रात 12 बजकर 52 मिनट से 03 बजकर 59 मिनट तक

रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय – 19 फरवरी, 03 बजकर 59 मिनट से सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक

महाशिवरात्रि पारण का समय- 19 फरवरी, सुबह 6 बजकर 56 मिनट से लेकर शाम 3 बजकर 24 मिनट तक

महाशिवरात्रि पर बनने वाले शुभ योग

अभिजित मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 12 मिनट से 12 बजकर 57 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त- शाम 06 बजकर 10 मिनट से लेकर 06 बजकर 36 मिनट तक

सर्वार्थ सिद्धि योग- 18 फरवरी , शाम 05 बजकर 42 मिनट से 19 फरवरी, सुबह 06 बजकर 56 मिनट तक

विजय मुहूर्त- 18 फरवरी, दोपहर 02 बजकर 27मिनट से लेकर शाम 03 बजकर 13 मिनट तक

महाशिवरात्रि पूजा विधि

महाशिवरात्रि पर सूर्योदय से पहले उठें और स्नान करने के बाद साफ-सुथरे कपड़े पहनकर व्रत का संकल्प लें. इसके बाद शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव की पूजा करें. गन्ने के रस, कच्चे दूध या शुद्ध घी से शिवलिंग का अभिषेक करें. फिर महादेव को बेलपत्र, भांग, धतूरा, जायफल, कमल गट्टे, फल, फूल, मिठाई, मीठा पान, इत्र आदि अर्पित करें. इसके बाद वहीं खड़े होकर शिव चालीसा का पाठ करें और शिव आरती गाएं. ॐ नमो भगवते रूद्राय, ॐ नमः शिवाय रूद्राय् शम्भवाय् भवानीपतये नमो नमः मंत्रों का जाप करें. महाशिवरात्री के दिन रात्रि जागरण भी किया जाता है.

महाशिवरात्रि के मंत्र

महामृत्युंजय मंत्र
ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्.
ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ..

ध्यान मंत्र
ध्याये नित्यं महेशं रजतगिरिनिभं चारूचंद्रां वतंसं.
रत्नाकल्पोज्ज्वलांगं परशुमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम..
पद्मासीनं समंतात् स्तुततममरगणैर्व्याघ्रकृत्तिं वसानं.
विश्वाद्यं विश्वबद्यं निखिलभय हरं पञ्चवक्त्रं त्रिनेत्रम्..

रुद्र गायत्री मंत्र
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

आरोग्य मंत्र
माम् भयात् सवतो रक्ष श्रियम् सर्वदा.
आरोग्य देही में देव देव, देव नमोस्तुते..
ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्.
उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्..

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