बहुजन समाज पार्टी के लिए वजूद बचाने की चुनौती, उत्तराखंड में समाजवादी पार्टी चुनावी परिदृश्य से हो गई है गायब
देहरादून । उत्तराखंड में बसपा, सपा जैसे दलों को अपना वजूद बचाने की बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। देखा जाए तो बहुजन समाज पार्टी तो मैदानी क्षेत्र में कई विधानसभा सीटों पर काफी अच्छे मुकाबले में नजर भी आ रही है। लेकिन समाजवादी पार्टी तो चुनावी परिदृश्य से ही गायब है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो हरिद्वार जनपद में समाजवादी पार्टी से कहीं अधिक चर्चा में चंद्रशेखर रावण की आजाद समाज पार्टी है।
बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी की बात करें तो उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में सत्ता पर काबिज हो चुके ये दोनों दल उत्तराखंड में अब जीत तो दूर अपना वोट बैंक तक नहीं बचा पा रहे हैं। बड़े दलों की सेंधमारी से सपा-बसपा को लगातार उत्तराखंड की उन सीटों पर भी हार का मुंह देखना पड़ रहा है जहां कभी इनका अच्छा खासा दबदबा हुआ करता था।
2002 में हुए पहले विस चुनाव में जिस बसपा को 7 सीटों पर जीत मिली थी उसी पार्टी को 2017 में एक भी जीत नसीब नहीं हो सकी। दोनों दलों के वोट बैंक में भी जबरदस्त कमी हुई। अलग राज्य बनने के बाद उत्तराखंड में 2002 में पहली बार विस चुनाव हुए। इस चुनाव में राष्ट्रीय दल बसपा ने 68 सीटों पर उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा।
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जिसमें 7 सीट इकबालपुर, मंगलौर, लंढौरा, बहादराबाद, लालढांग, पंतनगर-गदरपुर और सितारगंज पर बसपा ने जीत दर्ज की। जबकि सपा के सभी 68 उम्मीदवारों को हार का मुंह देखना पड़ा था। 2007 का विस चुनाव बसपा के लिए एक बार फिर बेहतर साबित हुआ। पार्टी के 69 में से आठ उम्मीदवारों को जीत मिली।
सपा को इस चुनाव में भी खाली हाथ रहना पड़ा। 2012 के विधानसभा चुनाव तक बसपा के वोट बैंक पर भी अन्य दलों ने जबरदस्त सेंधमारी कर दी। आलम ये रहा कि बसपा के 70 में से केवल 3 ही उम्मीदवार जीत सके। मंगलौर, झबरेड़ा और भगवानपुर में बसपा का दबदबा कायम रहा। हालांकि, सपा के सभी 45 उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा। फिलहाल के चुनाव में भी बहुजन समाज पार्टी कुछ विधानसभा सीटों पर अच्छा मुकाबला कर रही है लेकिन समाजवादी पार्टी का तो कहीं कोई चर्चा तक नहीं है।वही चंद्रशेखर रावण की आजाद समाज पार्टी अचानक चर्चा में आ गई है। क्योंकि कांग्रेस से विद्रोह कर कई नेताओं ने आजाद समाज पार्टी से ही नामांकन किया है। जिसमें मुख्य रुप से ज्वालापुर से कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे इंजीनियर एस पी सिंह ,लक्सर से पूर्व विधायक हाजी तस्लीम, पिरान कलियर से प्रधान हाजी भूरा, झबरेड़ा विधानसभा सीट से पूर्व बसपा नेता भाग मल के पुत्र मैदान में है।