कावड़ यात्रा को लेकर पुलिस महानिदेशक ने आठ राज्यों के अधिकारियों संग की बैठक, कहा यात्रा पर प्रतिबंध, जो आएगा हो सकता है उसे 14 दिन के लिए कर दिया जाएगा क्वारंटीन

देहरादून । उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा इस साल भी प्रतिबंधित रहेगा। मंगलवार को डीजीपी अशोक कुमार ने आठ राज्यों के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि यात्रा पर प्रतिंबध है। ऐसे में यहां जो भी आएगा हो सकता है उसे 14 दिन के लिए क्वारंटीन कर दिया जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे अपने-अपने राज्यों में थाना स्तर पर बैठक कर प्रतिबंध की जानकारी दें। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण लगातार दूसरे साल यात्रा रोकी गई है। स्थानीय लोगों के लिए भी यात्रा प्रतिबंधित रहेगी। बता दें कि साल 2019 में लगभग तीन करोड़ कांविड़िए यात्रा पर आए थे। सबसे ज्यादा लोग हरियाणा से 32 प्रतिशत और दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश से 27 प्रतिशत कांवड़ियों की संख्या थी। कांवड़ यात्रा में दूसरे राज्यों से लाखों की संख्या में कांवड़ियां हर की पैड़ी आते हैं। जहां से गंगाजल लेकर शिवरात्रि पर अपने-अपने क्षेत्रों के शिवालयों में जलाभिषेक करते हैं। पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर का कहना है कि कांवड़ यात्रा को स्थगित करने का सरकार की ओर से निर्णय हो चुका है। कोरोना की तीसरी लहर और वायरस के नए वेरिएंट डेल्टा प्लस को देखते हुए कांवड़ यात्रा न करने का फैसला लिया है। हर साल कांवड़ यात्रा में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों के लाखों शिव भक्त गंगा जल लाने के लिए हरिद्वार आते थे। पिछले साल 15 मार्च को प्रदेश में कोरोना संक्रमण का पहला मामला मिला था। संक्रमण के खतरे को देखते हुए सरकार ने कांवड़ यात्रा को स्थगित करने का निर्णय लिया था। साथ ही सरकार ने यह भी फैसला लिया था कि शिव भक्तों को गंगा जल उन्हीं के राज्यों में उपलब्ध कराया जाएगा।

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