डॉ. यादवेन्द्र नाथ मैमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष बने अमित शर्मा वत्स, बोले समाज के युवावर्ग को आत्मनिर्भर बनाने के लिए किया जाएगा जागरूक

रुड़की । शिक्षा,कला,साहित्य,संस्कृति व ज्योतिष के विकास को समर्पित नवगठित डॉ. यादवेन्द्र नाथ मैमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष पद पर पं0अमित शर्मा ‘वत्स’को चुना गया हैं। गन्ना सोसायटी दफ्तर के सामने ,ज्योतिष सदन में आहूत बैठक में सर्वसम्मति से रेनू रानी (सचिव) ,डॉ0अंजू शर्मा (कोषाध्यक्ष)व कौशल्या देवी (संरक्षक)तथा श्रीमति प्रीति पाराशर को सदस्य के रूप में घोषित किया गया। नवनियुक्त न्यास के अध्यक्ष पं0अमित शर्मा ने कहा कि
भारतीय संविधान में प्रदत्त सामाजिक न्याय,शिक्षा और आर्थिक उत्थान के लिए प्रयास करना, समाज में युवावर्ग को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कंप्यूटर टंकण(टाईपिंग), कला,क्राफ्ट,पेंटिंग, संगीत,नृत्य,शारिरिक शिक्षा और योग आदि की शिक्षा देने के लिए विभिन्न रोजगारपरक प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित करना व इन प्रशिक्षण केन्द्रों को आर्थिक मदद करना उनका सुचारु रुप से संचालन करना तथा समाज राष्ट्र एवं विश्व के बौद्धिक, भौतिक, नैतिक एवं आध्यात्मिक उत्थान व विकास के लिए भौतिक व आध्यात्मिक विज्ञान शोध संस्थान, शोध प्रयोगशाला, संग्रहालय, विज्ञान व कला, सेमिनार, तकनीकी शिक्षा केन्द्रों का निर्माण, संचालन व सहायोग करना तथा प्रचार व प्रसार की आधुनिक विधाओं/तकनीकों के सहयोग से सर्व प्रकार का प्रचार- प्रसार और प्रकाशन करना व करवाना। मानवीयता एवं चरित्र निर्माण करने वाली शिक्षा की प्रोन्नति के लिए नागरिको को जागरूक करने तथा उनमे राष्ट्रीयता का विकास करने हेतु कार्यशाला एवं सेमीनार आयोजित करना न्यास के प्रमुख प्रकल्पों में शुमार हैं। उन्होने न्यास के भावी कार्यक्रमों की बाबत बताया कि विभिन्न विषयों पर राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तर की शैक्षिक संगोष्ठियाँ एवं परिचर्चायें आयोजित करायी जायेंगी तथा शिक्षाविदों एवं विचारकों के सहयोग एवं परामर्श प्राप्त कर देश-विदेश में चल रहे शैक्षिक प्रयोगों एवं अनुभवों के आदान-प्रदान के माध्यम के रूप में कार्य करके एवं उनसे सक्रिय सम्पर्क स्थापित किया जायेगा। डॉ0यादवेन्द्र नाथ मैमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष पं0अमित शर्मा ‘वत्स’ ने बताया कि शिक्षकों /नागरिको एवं विद्यार्थियों में सकारात्मकता उत्पन्न करने के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं उत्सव भी समय समय पर ऑनलाईन आयोजित कराये जायेंगे। ज्योतिष के वैज्ञानिक अध्ययन/ अनुसंधान पठन/पाठन सुविधायें प्रदान कराने का भी प्रयास किया जायेंगा। उन्होने बताया कि ज्योतिष-फलित -पंचांग एकीकरण के मार्ग को प्रशस्त करने में न्यास की प्रमुख भूमिका रहेगी। उन्होने बताया कि ज्योतिष / हिंदी साहित्य / शैक्षिक गोष्ठी / सेमीनार व वैबीनार आयोजन के अलावा शैक्षिक/ हिंदी साहित्य / ज्योतिष /तंत्र/योग/आयुर्वेद/भारतीय संस्कृति की पुस्तकों पर पुरस्कार भी प्रदान किए जायेंगे। उन्होने बताया कि शिक्षा , ज्योतिष तंत्र और भारतीय संस्कृति के अलावा हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार पर लघु फिल्म /वृत्तचित्रों का निर्माण कराना भी न्यास का प्रमुख उद्देश्य रहेगा। उन्होने बताया कि ज्योतिष व शिक्षा के क्षेत्र में लेखकों / अनुसंधानकर्ताओं, अभिनव प्रयोग करने वाले शिक्षकों /महान विभूतियों को सम्मानित करना, विद्यार्थियों /जिज्ञासुओं के लिए घर अध्ययन हेतु पत्राचार पाठ्यक्रम के जरिये वैदिक गणित तथा ज्योतिष रत्नों की सामान्य जानकारी प्रदान कराने का भी लक्ष्य निर्धारित किया गया।

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