हाईकोर्ट ने उत्तराखंड सरकार और एमडीडीए से तीन सप्ताह में मांगा जवाब, देहरादून में नदी, नालों और खालों को बंजर भूमि में परिवर्तित कर प्लाटिंग करने के मामले में सुनवाई की

देहरादून / नैनीताल । हाईकोर्ट ने देहरादून में नदी, नालों और खालों को बंजर भूमि में परिवर्तित कर प्लाटिंग करने के मामले में सुनवाई की। कोर्ट ने राज्य सरकार सहित एमडीडीए से तीन सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई। प्रकरण में पूर्व में हुई सुनवाई में कोर्ट ने जिला अधिकारी देहरादून को निर्देश दिए थे कि जिन क्षेत्रों में अवैध प्लाटिंग कर निर्माण कार्य किया जा रहा है, उन पर रोक लगाएं। देहरादून निवासी अजय नारायण शर्मा की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि देहरादून के सहस्त्रधारा क्षेत्र में नदी की भूमि को बंजर भूमि में परिवर्तित कर भू माफिया अवैध रूप से यहां प्लाटिंग कर रहे हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि इन पर रोक लगाई जाए। जिन अधिकारियों के बल पर यह कार्य किया जा रहा है, उनके खिलाफ भी कार्यवाही की जाय। भूमि का स्वरूप बदलने से नदी नाले अपना अस्तित्व खो रहे हैं।

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