हरिद्वार जनपद में आंधी, बारिश और ओलावृष्टि से फसलें तबाह, संकट में अन्नदाता, उकिमो ने सरकार से की भरपाई की मांग

हरिद्वार / रुड़की । इस बार बिन मौसम हुई तेज बारिश ने गेहूं, सरसों और सब्जियों की फसल को पूरी तरह तबाह कर दिया है। गन्ने की फसल को भी इससे खासा नुकसान बताया जा रहा है। उकिमो ने इसके नुकसान की भरपाई की मांग सरकार से की है। उधर कृषि विभाग मौसम साफ होने पर नुकसान का सर्वे करने की बात कह रहा है। लक्सर क्षेत्र में ओलावृष्टि से किसानों की फसल जमीन पर बिछ गई है। किसान बिजेंद्र सैनी ने कहा कि ओलावृष्टि ने गेहूं की फसल को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है। फसल जमीन पर बिछने के कारण वह गलने की कगार पर है। किसानों को सरकार की ओर उचित मुआवजा मिलना चाहिए। किसान नवाब सिंह, डॉ.आजाद सिंह, महक सिंह ने बताया कि बेमौसमी बरसात और ओलावृष्टि से तीन चौथाई तक फसल नष्ट हो चुकी है। जयपाल सिंह, राजपाल, सोनू, राजेन्द्र आदि किसानों का कहना है कि गेहूं और सरसों बर्बाद होने से किसानों को आर्थिक नुकसान हुआ है। हरे चारा भी खत्म हो गया है। उकिमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुलशन रोड ने बताया कि फिलहाल किसान बहुत परेशानी में हैं। डीएम और मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर नुकसान की भरपाई तथा गन्ने के भुगतान में तेजी लाने की मांग की गई है। मुख्य कृषि अधिकारी डॉ.बिकेश यादव का कहना है कि विभाग को फसलों के नुकसान का सर्वे करना है। पर अभी मौसम खराब है। मौसम साफ होते ही सर्वेक्षण का काम शुरू कर दिया जाएगा। भगवानपुर देहात क्षेत्र में गुरुवार को बारिश के साथ ओलावृष्टि से गेहूं, सरसों एवं आम के पेड़ पर बौर को काफी नुकसान हुआ है। सिकरोढा गांव के किसान राव छल्लू, राव इमरान ने बताया कि ओलावृष्टि और तेज आंधी चलने से गेहूं की फसल सरसों की फसल के साथ साथ आम की फसल पर भी प्रभाव पड़ा है। बता दें कि गेहूं की फसल और सरसों की फसल को ज्यादा नुकसान हुआ है। ऐसे में किसानों की गन्ने की बुवाई की प्रभावित हो गई है। किसानों को गन्ने की बुवाई करने के लिए इंतजार करना पड़ेगा।

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