पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जोशीमठ आपदा पर प्रदेश सरकार पर दागे सवाल, बोले सूबे में बनें आपदा रिस्पॉन्स सिस्टम बेहतर, राहत और बचाव को लेकर सरकार की कोई पूर्व तैयारी सामने नहीं आई

लक्सर । पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जोशीमठ आपदा को लेकर प्रदेश सरकार पर सवाल खड़े किए । उन्होंने घटना पर दुख जताने के साथ ही कहा कि सूबे में आपदा के समय राहत और बचाव को लेकर सरकार की कोई पूर्व तैयारी सामने नहीं आई है। उन्होंने प्रदेश में ग्लेशियरों के व्यवहार पर शोध की आवश्यकता भी जताई। पूर्व सीएम रावत लक्सर-रुड़की स्टेट हाईवे का हाल जानने लक्सर से रुड़की रवाना हुए। इससे पूर्व उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन परियोजना के आसपास आपदा के समय राहत की अग्रिम तैयारी और बचाव का वैकल्पिक मैप पहले से तैयार होना चाहिए था लेकिन पांच दिन बाद भी बचाव में लगे सरकारी कर्मचारी अभी टनल के मुहाने पर ही खड़े हैं। उन्होंने आपदा में मरे एनटीपीसी के कर्मचारियों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने और अन्य मृतकों को दिए जा रहे मुआवजे में बढ़ोतरी की मांग की।उन्होंने सूबे में ग्लेशियरों के व्यवहार पर शोध के लिए कोई संस्था बनाने की आवश्यकता भी जताई। कहा कि इससे आपदा रिस्पॉन्स सिस्टम बेहतर बनेगा। किसान आंदोलन पर भी उन्होंने सरकार को घेरा। कहा कि किसानों की समस्याओं को लेकर सरकार गंभीर होती तो अभी तक मुद्दा सुलझ गया होता। कहा गन्ना मूल्य अभी घोषित नहीं हुआ है। इस दौरान सत्यवीर गुर्जर, संजय सैनी, नसीम अंसारी, डॉ. उमादत्त शर्मा, कृष्णपाल मुखिया, अरुण चौधरी, रतेंद्र तिवारी, वेदप्रकाश वर्मा, सूरज रावत, सुमित चौधरी, सोनू चौहान, शादाब अली, तबरेज आलम, बालेश्वर सिंह, जगमेर सिंह, नदीम अहमद, नकलीराम, सचिन विश्वास, अमित शर्मा, प्रमोद बुटार, कुलवीर सिंह आदि मौजूद रहे।

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