जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित हुई जिला गंगा संरक्षण समिति की समीक्षा बैठक, गंग नहर की वृहद् रूप से सफाई करने के अधिकारियों को दिए निर्देश

हरिद्वार । जिलाधिकारी हरिद्वार सी0 रविशंकर की अध्यक्षता में आज मेला नियंत्रण भवन(सी0सी0आर0)हरिद्वार में जिला गंगा संरक्षण समिति की समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में जिलाधिकारी ने अधिकारियों को गंग नहर की वृहद् रूप से सफाई करने के निर्देश देते हुये कहा कि इसके लिये एक व्यापक सफाई अभियान चलाया जाये। गंग नहर में जो सिल्ट जमी है, उसे पूरी तरह से बाहर निकला जाये। इस कार्य के लिये उन्होंने कहा कि सामाजिक संस्थाओं, एन0सी0सी0, एन0एस0एस0 आदि का व्यापक रूप से सहयोग लिया जाये। उन्होंने कहा कि द्रोण के माध्यम से पूरे गंग नहर की वीडियोग्राफी कराने के लिये स्वीकृति दे दी गयी है। उन्होंने कहा कि यह वीडियोग्रामी गंग नहर सफाई से पहले तथा गंग नहर सफाई के बाद कराई जाये,जिससे यह स्पष्ट हो सके कि गंग नहर की कितनी सफाई हुई है। उन्होंने कहा कि गंग नहर की बन्दी के दौरान गंग नहर को प्रदूषित करने वाले स्थानों को चिह्नित करके उन्हें बन्द किया जाये। बैठक में सामाजिक संगठनों की ओर से यह मुद्दा उठाया गया कि तमाम दावों के बावूजद गंगा में गन्दा पानी क्यों जा रहा है। उन्होंने कहा कि खड़खड़ी में सूखी नदी है। उसके आसपास के रहने वाले लोगों का सीवर गंगा नदी में क्यों जा रहा है। इस पर अधिकारियों ने बताया कि यह मुद्दा काफी समय से है। इसकी डी0पी0आर0 बन चुकी है। यह बरसात के समय ओवर फ्लो हो जाता है तथा पिछले 15 दिनों से ऐसी कोई दिक्कत नहीं है। ललतारा पुल के पास सीवर चोक होने का मुद्दा भी सामने आया, जिस पर अधिकारियों ने बताया कि उसकी सफाई कर दी गयी है। सामाजिक संगठनों ने बैठक में यह भी मुद्दा उठाया कि लोकनाथ घाट से मोतीचूर तक जो पानी बहता है, उसमें से बदबू आती है। इस पर अधिकारियों ने कहा कि केबिल डालने की वजह से जगह-जगह टूटे होने की वजह से यह गन्दा पानी इसमें मिल जाता है। इस पर अधिकारियों ने कहा कि इसको ठीक करने का काम जल्दी ही हो जायेगा। सामाजिक संगठनों ने खड़खड़ी में 100-200 लोगों के घरों का पानी गंगा नदी में मिलने, राजीवनगर, पाण्डेवाला, सुभाषनगर नालांे का टैप न होना आदि मुद्दों को उठाया, जिस पर चर्चा हुई। सामाजिक संगठनों ने बताया कि दुर्गापुर में गौशाला का गोबर व गन्दगी गंगा नदी में मिल रही है। इस पर जिलाधिकारी ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देशित किया कि सम्बन्धित के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करें। पावनधाम वाला नाला के ट्रीटमेंट के सम्बन्ध में जिलाधिकारी को इलाहाबाद की एक संस्था के बारे में बताया गया, जिस पर जिलाधिकारी ने कहा कि उस संस्था से सम्पर्क करके उनका सहयोग लिया जाये। बैठक में खड़खड़ी घाट पर बने कुछ अवैध मकानों के सम्बन्ध में चर्चा हुई। इस पर अधिकारियों ने बताया कि यहां नौ घरों के लिये हंस फाउण्डेशन द्वारा शौचालय की व्यवस्था की गयी है, लेकिन 21 घरों में शौचालय की व्यवस्था नहीं है, जिसे जल्दी ही शौचालयों से जोड़ दिया जायेगा।
बैठक में जिलाधिकारी ने गंगा म्यूजियम का उल्लेख करते हुये कहा कि इसका विजन बहुत अच्छा है, लेकिन इसके स्वरूप को और भव्य बनाने की आवश्यकता है। इसके लिये हमें इतिहास, धार्मिकता, प्रचलित कथाओं आदि का गहन अध्ययन करने के पश्चात भव्य स्वरूप प्रदान करना होगा, जिससे यह विश्व स्तरीय म्यूजियम बन सके। इसके लिये उन्होंने लन्दन म्यूजियम का भी उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि चण्डीघाट पर एक ऐसी धरोहर का निर्माण हो, जो भागीरथी से लेकर गंगा सागर तक का पूरा इतिहास समेटे हुये हो। बैठक के बाद जिलाधिकारी ने हरकी पौड़ी के आसपास से आने वाले नालों-नाईसोता नाला, कुशाघाट स्थित नाला, कांगड़ाघाट नाला, गंगा होटल हैरिटेज के पास वाला नाला, श्रृंगेरीघाट के पास का नाला आदि का पूरा निरीक्षण किया तथा अधिकारियों को पहाड़ी नाले की सफाई करने तथा उसमें ग्रिल लगाने एवं आवश्यकतानुसार सी0सी0 टी0वी0 कैमरे लगाने के निर्देश दिए । बैठक में प्रदीप झा, अध्यक्ष, तन्मय वशिष्ठ, महासचिव, श्रीगंगा सभा, रामेश्वर गौड़, शिखर पालीवाल, नीरज कुमार, डी0एफ0ओ0, श्री आर0के0 जैन, सी0जी0एम0 जल संस्थान, जयभारत सिंह, नगर आयुक्त, विनोद कुमार, सहायक नगर आयुक्त, नगर निगम, हरिद्वार, स्वाति कालरा, जे0आर0एफ0, यूकेपीसीबी,रूड़की, पवन कुमार कोटियाल, सहायक अभियन्ता नगर निगम हरिद्वार, अनिल त्रिपाठी, आकांक्षा इण्टर प्राईजेज, मनोज निषाद तथा अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

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