शिव अनादि हैं, अनंत हैं, अपने हृदय चक्र में शिवलिंग को स्थापित कर मन ही मन उनकी पूजा की जा सकती है, महाशिवरात्रि पर बन रहा है विशेष योग, आचार्य पंडित रमेश सेमवाल ने दी जानकारी

रुड़की । आचार्य पंडित रमेश सेमवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि आगामी 11 मार्च बृहस्पतिवार,फागुन कृष्ण पक्ष को शिवरात्रि का पावन पर्व मनाया जाएगा। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को शिवलिंग प्रकट हुआ था। संसार कल्याण के लिए शिवलिंग प्रकट हुआ तथा यह रात्रि शिव शक्ति के मिलन की रात्रि है। राजपूताना स्थित ज्योतिष मंदिरम् में आचार्य पंडित रमेश सेमवाल ने बताया कि भगवान शिव व शक्ति का विवाह भी शिवरात्रि को हुआ। 101 साल बाद विशेष लोगों में शिवरात्रि का यह पर्व आ रहा है।शिव योग,सिद्धि योग,बुध आदित्य योग,नीच भंग राजयोग में शिवरात्रि पर्व आ रहा है।बताया कि चतुर्दशी तिथि 11 मार्च 2021 दोपहर 2:39 से 12 मार्च शुक्रवार 3:02 दोपहर तक 2 दिन शिव की पूजा का योग रहेगा।रात्रि में चार पहर-प्रथम पहर 6:27 शाम से 9:29 दोपहर 9:29 मिनट तक, द्वितीय पहर 9:29 से 12:31 तक,तृतीय पहर 12:31 से 3:32 तक,चतुर्थ पहर 3:32 से 6:34 सुबह तक शिव पूजा का योग रहेगा।

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